उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए सही राह पर है और इसकी रफ्तार दोगुना करनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए प्रत्येक विभाग का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है और नियोजन विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के साथ मासिक रूप से प्रगति की समीक्षा की जानी चाहिए।” मुख्यमंत्री योगी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए जारी प्रयासों और परिणामों की समीक्षा की। नियोजन विभाग द्वारा आयोजित बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मंत्री मौजूद थे।
यूपी की अर्थव्यवस्था अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में हैः योगी
इस बैठक में नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव और परामर्शदात्री एजेंसी ‘डेलॉइट इंडिया’ ने राज्य के आर्थिक माहौल की वर्तमान स्थिति और संभावित भविष्य के परिणामों, उद्योग की अपेक्षाओं आदि के बारे में क्षेत्रवार विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि सभी मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी जीवन को आसान बनाने और अधिकतम रोजगार सृजन की दिशा में विशेष प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि देश और दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं को देखा जाना चाहिए, उनका अध्ययन किया जाना चाहिए और आवश्यकतानुसार उनका क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों के योजनाबद्ध प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। वर्ष 2021-22 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 16.45 लाख करोड़ था जो 2023-24 में बढ़कर 25.48 लाख करोड़ से अधिक हो गई है। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय आय में 9.2 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।”
यूपी देश में विकास का इंजन बन रहा हैः योगी
सीएम योगी ने बयान में कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का इंजन बन रहा है। डिजिटल तकनीक पर जोर देते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र में सुधार के लिए डिजिटल तकनीक को शामिल किया गया है। डिजिटल फसल सर्वेक्षण जैसे प्रयास किए गए हैं। इसे सभी 75 जिलों में प्रभावी ढंग से लागू किया जाना है। अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुना करने के लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है।” योगी ने यह भी कहा कि राज्य में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य इसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं। अगले साल प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के आयोजन की चर्चा करते हुए योगी ने कहा, ‘‘महाकुंभ में करोड़ों लोग पहुंचेंगे। इसका पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। इस पर अध्ययन होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ हमें विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ठोस कार्य योजना बनानी होगी।
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