आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को लेकर मची अफरातफरी के बीच सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में आक्सीजन या रेमडेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। इनकी पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है। सरकार का संदेश है कि 95 फीसद मरीजों को अलग से आक्सीजन की जरूरत ही नहीं होती। इसके अलावा कुछ लोग अफवाह और कालाबाजारी से माहौल खराब कर रहे हैं, तनाव बढ़ा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को वर्चुअल बैठक कर कोरोना से बचाव व इलाज के संसाधनो की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में हमारी तैयारी 10 कदम आगे की होनी चाहिए, तभी हम इस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कोविड बेड की संख्या बढ़ाने, आक्सीजन और जीवनरक्षक दवाओं की अनवरत आपूर्ति बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर नगर, गोखरपुर, गाजियाबाद सहित सभी जिलाें में कोविड बेड की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए शत-प्रतिशत लोगों की जांच कराई जाए। योगी ने कहा कि सभी जिलाें में आक्सीजन व जीवनरक्षक दवाओं की सुचारु आपूर्ति बनी रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि इनकी कालाबाजारी न होने पाए। इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से निगरानी करे। यह भी ध्यान रखें कि निजी अस्पताल मनमाना शुल्क न ले पाएं।
अपर मुख्य सचिव सूचना डा. नवनीत सहगल ने बताया कि लखनऊ में केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाकर लगभग पांच हजार आइसीयू बेड तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उनका कहना था कि इसी तरह आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। बेवजह अफवाह फैलाई जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, 95 फीसद मरीजों को अलग से आक्सीजन की जरूरत नहीं होती, इसलिए अनावश्यक आक्सीजन के पीछे न भागें। जिसे डाक्टर ने बताया है, उसे ही पर्ची दिखाने पर आक्सीजन दी जाएगी। इसी तरह अभी कैडिला कंपनी से भी 18 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं। पहले भी इंजेक्शन आ चुके हैं। इस इंजेक्शन की भी बहुत कम मरीजों को जरूरत पड़ती है। उस लिहाज से पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन उपलब्ध हैं।
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