नई दिल्ली: सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल को भारत के 15वें नए अटॉर्नी जनरल हो गए हैं. उन्होंने AG का पद संभाल लिया. इससे पहले अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपने कार्यकाल को आगे न बढ़ाने की गुजारिश की थी. 86 साल के वेणुगोपाल की नियुक्ति के प्रस्ताव पर पीएम नरेंद्र मोदी के यूएस विजिट से पहले विचार किया गया था.

बताया जाता है कि पीएम मोदी के विदेश यात्रा से पहले वेणुगोपाल के पर विचार किया गया. हालांकि अभी वेणुगोपाल ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं किया है. हाल ही में लॉ मिनिस्ट्री ने वेणुगोपाल के नाम को रेफर करते हुए फाइल को पीएमओ भेजा था. 
इस मामले में फैसला होने के बाद राष्ट्रपति अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति के लिए वारंट पर साइन करेंगे. वेणुगोपाल जानेमाने संवैधानिक विशेषज्ञ हैं और उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है. मोरारजी देसाई सरकार के वक्त वेणुगोपाल अडिशनल सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं.
हाल में 2-जी मालमे में वह सीबीआई और ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश होते रहे हैं. वेणुगोपाल जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए एनजेएसी के पक्ष में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए थे. उन्होंने केंद्र सरकार के कानून का पक्ष लिया था. अयोध्या विवाद मामले में कल्याण सिंह सरकार के लिए वह सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे.
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