चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अखिलेश सरकार में मंत्री और अमेठी से पार्टी के उम्मीदवार गायत्री प्रजापति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप और यौन उत्पीड़न में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर यूपी सरकार से आठ हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है.
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प्रजापति इस समय यूपी कैबिनेट में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर हैं. 35 वर्षीय पीड़िता उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने पर सुप्रीम कोर्ट गई थी. उसका कहना था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ और उसकी बेटी का भी यौन उत्पीड़न किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर तुरंत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
गायत्री प्रजापति पर आय से अधिक संपत्ति रखने, अवैध कब्जे, अवैध खनन सहित कई संगीन आरोप लग चुके हैं. कुछ महीने पहले उन्हें अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. हालांकि मुलायम के दबाव में अखिलेश को दोबारा उन्हें सरकार में शामिल करना पड़ा.
बताया जाता है कि पीड़िता चित्रकूट की रहने वाली है और उसका आरोप है कि प्रजापति ने समाजवादी पार्टी में अच्छा पद दिलाने का लालच देकर उसे अपने जाल में फंसाया और पिछले दो साल में कई बार उसके साथ गैंगरेप किया.
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