सुप्रीम कोर्ट में आधार को अलग-अलग कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाने के खिलाफ दर्ज याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि आधार को 139 से भी ज्यादा स्कीम के लिए अनिवार्य करना, सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है.
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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार को अनिवार्य बनाने के खिलाफ जितनी भी याचिकाओं पर सुनवाई होनी है, उनको लेकर अगले साल जनवरी में अंतिम फैसला ले लिया जाएगा.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि आधार को सिर्फ 6 स्कीम्स से लिंक करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने इसे 139 से भी ज्यादा सेवाओं के लिए जरूरी कर दिया है.
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार से योजनाओं को लिंक करना आम आदमी की स्वेच्छा पर निर्भर करता है, लेकिन सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया.
आधार को बैंक खातों समेत अन्य योजनाओं के लिए अनिवार्य करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दर्ज की गई हैं. इस सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने बैंक खातों समेत अन्य कई योजनाओं के लिए आधार कार्ड लिंक करने की डेडलाइन को 31 मार्च तक बढ़ा दिया है.
हालांकि फिलहाल मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक करने की तारीख आगे नहीं बढ़ाई गई है. इसके लिए फिलहाल आपके पास 6 फरवरी तक का ही समय है.
बता दें कि आधार कार्ड को बैंक खातों समेत अन्य योजनाओं के लिए अनिवार्य करने के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की गई हैं. इन में से कई याचिकाओं में कहा गया है कि आधार को कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए.
इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह कई योजनाओं के लिए आधार कार्ड लिंक से लिंक करने की डेडलाइन को बढ़ाने के लिए तैयार है. इसके बाद शुक्रवार को सरकार ने पैन को आधार कार्ड से लिंक करने की तारीख आगे बढ़ाकर 31 मार्च कर दी थी.
अब वित्तीय योजनाओं जैसे बैंक खातों, म्युचुअल फंड और पोस्ट ऑफिस योजनाओं को 31 मार्च तक आधार से लिंक कर सकेंगे.
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