सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी ने भी भूजल के गिरते स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि अगला विश्वयुद्ध पानी को लेकर होगा। इस पर पीठ ने कहा कि आप विश्वयुद्ध की बात भूल जाइए दिल्ली में पानी को लेकर युद्ध शुरू होने जैसी स्थिति है।
पीठ ने कहा कि दिल्ली की स्थिति गंभीर हो चुकी है। भूजल के लगतार हो रहे अत्यधिक दोहन से दिल्ली के अधिकतर हिस्से में समस्या गंभीर है। मई 2000 से मई 2017 केबीच दिल्ली में भूजल स्तर को लेकर बोर्ड द्वारा तैयार इस रिपोर्ट पर गौर करने केबाद पीठ ने कहा कि यह दर्शाता है कि अथॉरिटी सही तरीके से अपने कामों को अंजाम नहीं दे रही है।
पीठ ने पाया कि दक्षिण,नई दिल्ली, दक्षिण-पूर्व, उत्तर पूर्व जिलों में स्थिति अधिक खराब है। सिर्फ पश्चिम और सेंट्रल जिले में थोड़ी बेहतर स्थिति है। पीठ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली की संबंधित अथॉरिटी बोर्ड की रिपोर्ट को देखने के बाद पानी की समस्या को दूर करने के लिए उचित कदम उठाने का प्रयास करेगी।
पीठ ने जल संसाधन मंत्रालय के सचिव, दिल्ली सरकार और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इससे निपटने के लिए समाधान निकालने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
भूजल का मसला दिल्ली में सीलिंग के मामले में दौरान उठा।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल टास्क फोर्स को खान मार्केट और संजय मार्केट में अवैध निर्माण और कब्जे को हटाने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान अमाइकस क्यूरी वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने बताया कि खान मार्केट में दुकानदारों ने आठ-आठ फीट तक दुकानें बढ़ा रखी है। वहीं संजय मार्केट में मल्टी स्टोरी बनाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि झुग्गियों पर तो कार्रवाई होती है लेकिन पॉश मार्केट में कार्रवाई नहीं होती।