सुप्रीम कोर्ट से सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त हो जाने से निराश शिक्षामित्रों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। धरना देकर सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया और प्रदेश सरकार से सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की, जिससे उनके परिवार का भविष्य चौपट होने से बच जाए। निराश शिक्षामित्रों ने बड़ी संजीदगी से अपनी पीड़ा बयां की।अब इस्तीफ़ा देंगें अमित शाह! गुजरात से राज्यसभा के बनेंगे सांसद
मुख्य मार्ग पर प्रदर्शन करते उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के लोग जिला मुख्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर अगली कार्रवाई पर चर्चा की गई। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि अब तो प्रदेश सरकार से ही उम्मीद है। अगर सरकार शिक्षामित्रों की सुध ले ले तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है।
संगठन के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश में एक लाख 70 हजार शिक्षामित्रों के समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह आगे बढ़कर शिक्षामित्रों को बर्बाद होने से बचाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि नियुक्ति के दौरान ही पेंच फंसा कर शिक्षामित्रों को उलझा दिया गया, जिससे फैसला विपरीत आ गया। मानवीय आधार पर सरकार को पूरे मनोयोग से पहल करने की जरूरत है।
इस मौके पर जिला संरक्षक सनंदन पांडेय, गोपाल यादव, शैलेंद्र नायक, ओम प्रकाश तिवारी, मुन्नी निषाद, राकेश मणि, ओम प्रकाश, मंजू, सुनीता, गीता सिंह, पुष्पांजलि, विजय लक्ष्मी, सुदर्शन, प्रेम किशन, राकेश मणि, दिलीप मणि, शैलेंद्र, रमेंद्र गुप्ता, रमाकांती त्रिपाठी आदि तमाम शिक्षामित्र मौजूद रहे।
फैसले के बाद हर सजग हो गई पुलिस
महराजगंज। समायोजन निरस्त होने के फैसले के बाद शिक्षामित्रों के जिले में पुलिस सर्तक रही। कहीं कोई दंगा, उत्पात न हो, इसके लिए पुलिस सजग रही। जनपद में विभिन्न स्थानों पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई थी। प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्र कहीं बवाल न करे दें, इसको लेकर पुलिस मुस्तैद रही। कोतवाली पुलिस के अलावा अन्य थानों की पुलिस भी सतर्क रही। नगर में पुलिस की कई टुकड़ियां पेट्रोलिंग कर रही थी। धरना प्रदर्शन समाप्त होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।
प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों को छलका दर्द
महराजगंज। बुधवार को प्रदर्शन के दौरान शिक्षा मित्रों को दर्द छलक उठा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश शिक्षामित्रों ने भविष्य को लेकर चिंता जताई। कुछ महिला शिक्षामित्र तपती धूप में मामूम बच्चों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं। कुछ शिक्षामित्रों की आंखों से आंसू छलक पडे़। बोले, अब तो सरकार ही कुछ कर सकती है। पूर्व सरकार के प्रयासों और नियुक्ति में फंसे पेच को लेकर शिक्षामित्र उधेड़ बुन में लगे रहे। उनका कहना था कि अब तो सहायक अध्यापक रहे नहीं, वेतन भी बहुत कम हो जाएगा। ऐसे में गुजारा करना मुश्किल होगा।
स्कूलों में पढ़ाने नहीं पहुंचे शिक्षामित्र
महराजगंज। जनपद में बुधवार को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्र पढ़ाने नहीं गए। सभी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन में शामिल हुए। जिले में 1478 प्राइमरी और 646 जूनियर हाई स्कूल हैं। जनपद में 2200 शिक्षामित्र हैं, जिनमें करीब एक हजार आठ सौ शिक्षामित्र समायोजित हुए थे। इन सबका समायोजन निरस्त हो गया है।
बीएसए दफ्तर में सतर्क रहे कर्मचारी
महराजगंज। शिक्षा मित्रों के आंदोलन को देखते हुए बीएसए दफ्तर के कर्मचारी सजग रहे। अन्य जिलों में तोड़-फोड़ की सूचना से कर्मचारियों के कान खड़े हो गए थे। गनीमत रही कि कोई शिक्षामित्र बीएसए दफ्तर नहीं पहुंचा। प्रदर्शन समाप्त होने के बाद सबने राहत की सांस ली।