भूकंप के बाद लोगों में कोहराम मच गया। लोग चीखते चिल्लाते अपने घरों से बाहर आ गए। बता दें कि पिछले एक सप्ताह में कई बार पूर्वोत्तर के राज्यों में भूकंप आया है।
क्षेत्रीय भूकंप केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र मेघालय के पश्चिम खासी जिले में था। भूकंप के झटके सुबह 11.27 बजे महसूस किए गए।
वहीं, नेचर जियोसाइंस नामक एक जर्नल जो कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी से जुड़ा है, के एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बांग्लादेश एवं पूर्वी भारत में एक बड़ा भूकंप आ सकता है, जो भारी तबाही लेकर आएगा। माना जा रहा है कि अभी हाल में नेपाल में आए भूकंप से कहीं ज्यादा तीव्रता होने से गंभीर खतरा हो सकता है।
आपको बता दें माइकल स्टकलर, जो की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और जियोफिजिस्ट हैं उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि “पूर्वी भारत का एक बड़ा हिस्सा खतरनाक भूकंप की आशंकाओं से घिरा हुआ है, रिपोर्ट में जिस इलाके का जिक्र किया गया है, वो करीब 100 किलोमीटर तक फैला हुआ है और इस भूकंप का सेंटर बांग्लादेश और भारत की सीमा के नजदीक हो सकता है।”
इस रिसर्च के मुताबिक “धरती के इस हिस्से में लगातार दबाव बना हुआ है जो कि एक बड़े भूकंप को पैदा कर सकता है, जिसकी पहुंच में करीब 14 करोड़ लोग होंगे।” आपको बता दे पृथ्वी के गर्भ में जब 2 प्लेट्स आपस में टकराती है तो भूकंप आता है और इस प्रकार के भूकंप को रोका भी नहीं जा सकता। देखा जाए तो प्रकृति ने समय समय पर इस प्रकार के अपने कई रूप हमारे सामने पेश किये हैं।
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इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश का यह एरिया काफी गरीब और बड़ी आबादी वाला है इसलिए इस स्थान पर इस भूकंप के परिणाम बहुत ज्यादा भयानक हो सकते हैं। इतना ही नहीं रिपोर्ट में जिक्र है कि जीपीएस के आधार पर किए गए अध्ययन में भूगतिविधयों यानी प्लेट की गति के आधर पर यह खतरनाक स्थिति बन रही है। भारतीय एवं यूरेशियन प्लेट की चर्चा है।