प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एच1बी वीजा के बारे में बात की थी. यह मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाते हुए मोदी ने ट्रंप से कहा था कि भारत के आईटी प्रोफेशनल्स ने अमेरिका को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अगर उनका नुकसान होता है, तो यह दोनों देशों के लिए बुरा होगा.
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यह खुलासा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में किया. मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि मोदी इस बारे में खामोश क्यों रहे? लेकिन बृहस्पतिवार को सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बताया कि भले ही दोनों नेताओं की बातचीत में एच1बी वीजा शब्द का जिक्र नहीं हुआ हो, लेकिन इस वीजा के पीछे जो भावना है, उसकी चर्चा विस्तार से हुई थी.
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स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि भले ही संयुक्त बयान में एच1बी वीजा शब्द का जिक्र नहीं है, पर उन्हें इस बात पर गर्व है कि मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को यह समझाने में सफल रहे कि भारत के आईटी प्रोफेशनल्स ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दिया है. जब सुषमा स्वराज राज्यसभा में यह बयान दे रही थी, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे.
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राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा और सीपीएम के सांसद तपन कुमार सेन ने यह सवाल पूछा था कि क्या मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान एच1बी वीजा के बारे में बातचीत की थी या नहीं. सुषमा स्वराज ने यह भी कहा की एच1बी वीजा के बारे में वह बाद में विस्तार से एक बयान सदन में देंगी.