भागदौड़ भरी इस ज़िंदगी और लोगों के बदलते विचारों के चलते ज्यादातर लोग पूजा पाठ को भूलते जा रहे है हालाँकि कुछ लोग ऐसे भी है जिनके दिन की शुरुआत बगैर सूर्य प्रणाम किये नहीं होती है. सूर्य को स्वास्थ्य, राज्य, औषधि, पिता तथा खाद्य पदार्थ का कारक माना जाता है यही नहीं बल्कि सूर्य से नाम यश और राज्य पद मिलता है. सूर्य को जल चढ़ाना बेहद ही शुभ माना गया है इससे सूर्य के साथ-साथ नौ के नौ ग्रह मजबूत हो जाते हैं.
सूर्य को देखते हुए जल चढाने को अर्घ्य देना कहा जाता है जिससे कई सारी समस्या दूर हो जाती है. अर्घ्य नदी के अंदर भी दे सकते है और अपने घर पर भी. जल देने के पूर्व व्यक्ति का स्नान कर लेना जरुरी है इस दौरान अगर आप सफ़ेद कलर के वस्त्र धारण करते है तो आपके लिए बेहतर होगा. लोटे या मिट्टी के बड़े पात्र से जल देना सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है.
ध्यान रहे सूर्य की रौशनी जब चुभने लगे तब जल चढ़ाना सही नहीं होता है. अगर जल चढाने के दौरान आपके पैर पर पानी के छींटे पड़ते है तो ये अच्छा माना जाता है. अगर आप जल्द ही विवाह करना चाहते है तो जल में हल्दी मिलाकर चढ़ाये इससे शादी के सयोंग जल्द बनते है. शिक्षा और एकाग्रता के लिए जल में नीला रंग मिलाएं जो आपको एक बेहतर भविष्य देगा. इसके अलावा आप अगर पितर शांति और बाधा का निवारण चाहते है तो तिल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें इससे आपको भरपूर लाभ होगा.
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