वैश्विक संकेतों, एसबीआई के खराब नतीजों, फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी जैसे कुछ कारणों से हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 699 अंक गिरकर 26,818 और निफ्टी 229 अंक गिरकर 8,296 पर बंद हुए। मार्केट में भारी गिरावट के कारण शुक्रवार को निवेशकों के करीब 3 लाख करोड़ रुपए डूब गए।
मार्केट एनालिस्ट के मुताबिक बाजार में अगले कुछ दिनों में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। 18 नवंबर तक निफ्टी 77-7800 और सेंसेक्स 25,500 तक गिर सकता है। बाजार विश्लेषक राजीव खोसला के मुताबिक, आने वाले समय में बैंकिंग और रियल्टी स्टॉक्स में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में कम अवधि के लिए निवेश से अभी बचना चाहिए।
किन स्टॉक्स में सबसे ज्यादा गिरावट
एनएसई पर एक स्टॉक को छोड़कर निफ्टी के सभी शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में अडानी पोट्र्स 6.42 फीसदी, यस बैंक 5.41 फीसदी, आयशर मोटर्स 5.62 फीसदी, टाटा मोटर्स (करीब 5 फीसदी) शामिल है। जबकि सबसे कम गिरावट वाले शेयरों में रिलांयस, एचडीएफसी बैंक, डॉ. रेड्डीज ओएनजीसी जैसे स्टॉक्स शामिल हैं। केवल सन फार्मा एक ऐसा स्टॉक है जो चढ़कर बंद होने में कामयाब रहा है। सन फार्मा के स्टॉक में 3.37 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
क्यों बाजार औंधे मुंह गिर रहा है
दिसंबर की बैठक में अमरीकी सेंट्रल बैंक फेड रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। इससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालेंगे जिससे मुनाफावसूली बढ़ेगी। एक्सपर्ट के मुताबिक यह भी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ट्रंप अमरीका में कॉर्पोरेट टैक्स की दरें कम कर सकते है। ट्रंप ने अपने अभियान में कॉर्पोरेट टैक्स को घटाने और इंफ्रा सेक्टर में 500 अरब डॉलर के भारी भरकम निवेश का ऐलान किया था। इससे मार्केट से विदेशी निवेशकों के निकलने की संभावना से स्टॉक्स पर दबाव बन गया है। इससे दुनियाभर के उभरते बाजारों से पैसा निकलकर अमरीका पहुंचने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। इसीलिए इमर्जिंग मार्केट समेत भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर चल रहा है। इसके साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए में तेज गिरावट से भी स्टॉक्स पर दबाव देखने को मिला है। डॉलर की मांग बढऩे से रु 67 के स्तर के पार पहुंच गया है। रु में गिरावट से भी सेंटीमेंट्स निगेटिव हुए हैं।