हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में सुर्खियों में आए इच्छाधारी बाबा स्वामी भीमानंद महाराज को उसकी महिला साथी के साथ दिल्ली पुलिस ने दोबोच लिया है।
इस बार बाबा की गिरफ्तारी आईआरसीटीसी में नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला से 30 लाख रुपये ठगने के आरोप में हुई है। दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया ने बताया, अमर कॉलोनी थाना पुलिस में एक महिला ने शिकायत दी थी।
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पीड़िता रोहिणी निवासी रितू ने बताया कि आईआरसीटीसी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर शिवा नाम के शख्स ने महिला साथी संग उससे 30 लाख रुपये ठग लिए। इतना ही नहीं उसने उसके भाई सहित कई लोगों को भी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगा। ठगी में आरोपी बाबा के साथ पांच और लोग शामिल थे। इन्होंने उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बुलाकर रितू को काम दिखाया और प्रशिक्षण के लिए डीआरएम ऑफिस भी बुलाया।
आरोपियों ने पीड़िता को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया, मगर उनके बताए गए तैनाती ऑफिस में जाने पर महिला को फर्जीवाड़े का पता चल गया। जांच के बाद पुलिस ने इच्छाधारी बाबा उर्फ शिवा और उसकी महिला साथी कनकना को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी बाबा ने बताया कि वह जमानत पर जेल से बाहर आया था और धोखाधड़ी से रुपये ठगता था, जिससे वह अपना केस लड़ सके।
वर्ष 1997 में बाबा गार्ड की नौकरी छोड़कर लाजपत नगर के एक मसाज पार्लर में काम करने लगा। इसी दौरान उसे सेक्स रैकेट के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपना नाम और हुलिया बदल लिया। वह खुद को इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद महाराज कहलाने लगा और सेक्स रैकेट चलाने लगा। फरवरी 2010 में दो एयरहोस्टेस समेत आठ लोगों को सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में पकड़ा गया था।
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गिरफ्तार लोगों में मास्टरमाइंड 40 वर्षीय शिवमूरत द्विवेदी शामिल था, जो स्वामी भीमानंद महाराज ही है। चित्रकूट निवासी शिवमूरत वर्ष1988 में दिल्ली आया था।