दक्षिण कोरिया की सैन्य अदालत ने सेना के एक कैप्टन को अपने साथी पुरुष सैनिक के साथ शारीरिक संबंध बनाने के अपराध में सजा सुनाई है.
मानवाधिकार समूहों ने कहा कि यह फैसला देश में पहले से ही प्रताडि़त यौन अल्पसंख्यकों को और भी भयभीत करेगा. कैप्टन के वकील ने बुधवार को कहा कि यह अभी अस्पष्ट है कि उनका मुवक्किल छह महीने की सजा के खिलाफ अपील करेगा या नहीं.
सजा को एक साल तक के लिए निलंबित रखा गया है. दक्षिण कोरिया की सैन्य दंड संहिता के अनुसार समलैंगिक गतिविधिदंडनीय है और इसमें दो साल तक की सजा हो सकती है.
ताइवान में आज समलैंगिकों को मान्यता देने पर फैसला
उधर, ताइवान आज समलैंगिक विवाह कानून को मान्यता देने वाला एशिया का पहला देश बन सकता है. यहां की एक अदालत समलैंगिक संगठनों की याचिका पर फैसला सुनायेगी कि समान लिंग वाले युगलों को विवाह की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं. समलैंगिक कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि निर्णय उनके पक्ष में आयेगा. ताइवान में समान विवाह अधिकार की मांग को लेकर दबाव बढ़ रहा है. लेकिन रूढिवादी समूह इसके विरोध में हैं. उन्होंने कानून में परिवर्तन के खिलाफ जन रैलियां की हैं. उनका मानना है कि इस बहस ने समाज को बांट दिया है.
समलैंगिक विवाह के समर्थकों और विरोधियों के आज दोपहर को मध्य ताइपे में जुटने की संभावना है. इस मुद्दे पर न्यायपालिका का फैसला स्थानीय समयानुसार चार बजे ऑनलाइन पोस्ट किया जायेगा.