धमतरी। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलई में जयकृष्णा बोरवेल कंपनी में बंधक धमतरी के 2 युवकों को पुलिस छुड़ा कर लाई है।
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कपड़ा दुकान में अधिक वेतन का लालच देकर बालोद के नगझर का अर्जुन लाल 27 दिसंबर 2016 को उन्हें ले गया था। खिड़कीटोला के बलराम ध्रुव (25) और डांगीमाचा के रुद्रेश्वर (20) ने बताया कि उनसे वहां 16-16 घंटे काम लिया जाता था। अधिक काम लेने हर 2 दिन में ताकत का इंजेक्शन लगाते थे। ठीक से खाना भी नहीं देते थे।
कोलकाता के 7 व उत्तरप्रदेश, ओडिशा का एक-एक युवक भी वहां बंधक हैं। धमतरी की 4 सदस्यीय पुलिस टीम ने तमिलनाडु पुलिस की मदद से युवकों को छुड़ाया। एजेंट के झांसे में आकर तमिलनाडु में फंसे गांव के दो युवकों को जिला प्रशासन की टीम छुड़ाकर धमतरी ले आई हैं। दोनों युवकों को कलेक्टर के समक्ष पेश किया गया। श्रम विभाग युवकों का बयान लेकर उन्हें परिजनों को सौंप दिया है। कलेक्टर ने इस मामले में ठेकेदार पर कार्रवाई करने निर्देश दिए है।
तमिलनाडु के तिरुवन्नामलई में फंसे धमतरी ब्लॉक के ग्राम खिड़कीटोला के दो युवकों को श्रम निरीक्षक डीएन पात्र, नायब तहसीलदार गोविंद सिन्हा, सब इंस्पेक्टर मुकेश पटेल और आरक्षक आनंद राव युवकों को लेकर सकुशल धमतरी पहुंच गए। शुक्रवार को युवकों को परिजनों के साथ घर भेज दिया गया।
दुकान में काम कराने ले गए थे
तमिलनाडु से लौटे युवक बलराम धु्रव और रूद्रेश्वर कुमार ने बताया कि उन्हें कपड़ा दुकान में काम कराने का झांसा देकर तमिलनाडु ले जाया गया था। लेकिन वहां एजेंटों ने बोरबेल में काम कराने के लिए दूसरों के पास भेज दिया। बोरवेल में जमकर काम लिया जाता था। आराम करने का समय ही नहीं दिया जाता था और कई तरह से प्रताड़ित किया जा रहा था। उनसे 16-18 घंटे काम कराया जा रहा था और हर दो दिन में ताकत का इंजेक्शन लगाया जाता था।
11 युवकों को बनाया था बंधक
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के दो युवकों के साथ ही कोलकाता के 7, उत्तरप्रदेश के 1 और ओडिशा के 1 युवक को भी बंधवा मजदूर बनाकर रखा गया था। सभी जयकृष्णा बोरवेल कंपनी में काम कर रहे थे। 4 सदस्यीय टीम ट्रेन से तमिलनाडु के तिरुअन्नामलाई जिले में पहुंची और वहां के जिला प्रशासन से सहयोग मांगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां के कलेक्टर ने स्थानीय पुलिस को पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया। इस तरह टीम तमिलनाडु पुलिस की मदद से बंधक युवकों तक पहुंची।