सोमवती अमावस्या के पावन मौके पर हजारों श्रद्धालु तीर्थनगरी हरिद्वार पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। रविवार भोर से ही श्रद्धालु हरकी पैड़ी समेत तमाम गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाते रहे।
शहर भर में जाम की स्थिति रही। वाहन रेंग-रेंग कर चलते रहे। लोग घंटों जाम में फंसकर परेशान रहे। स्नान को लेकर हरकी पैड़ी और अपर रोड पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही।
वहीं स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान पुण्य के साथ ही मंदिरों में दर्शन भी किए। स्नान को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से भी व्यापक तैयारी की गई है। पूरे मेला क्षेत्र को पांच सुपर जोन, 16 जोन और 39 सेक्टर में बांटा गया है। चार धाम यात्रा को देखते हुए ट्रैफिक प्लान पहले ही जारी किया गया है।
भारी वाहनों का प्रवेश शहर में प्रतिबंधित किया गया है। मान्यता है कि गंगा तट पर जो व्यक्ति यज्ञ, तप, जाप ,पिंडदान, तर्पण आदि करता है और ब्राह्मणों के दान देता है तो उसे करोड़ों गुना अधिक फल प्राप्त होता है। यह दिन पितरों का तर्पण करके उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए भी महत्ववूर्ण होता है।
पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री ने बताया कि शिव पुराण में भी सोमवती अमावस्या का उल्लेख है। शास्त्रों के अनुसार भगवान राम और पांडवों ने भी पितृ तर्पण करके अपने पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण किया था।
सोमवती अमावस्या स्नान के लिए धर्मनगरी पैक है। होटल, आश्रम, धर्मशाला आदि श्रद्धालुओं से पैक हैं। शनिवार को हरकी पैड़ी पर संध्याकालीन गंगा आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। इधर, श्रद्धालुओं की आमद से व्यापारियों के चेहरे खिले हैं। भीड़ के चलते कई स्थानों पर जाम की स्थिति भी बनी।
सोमवती अमावस्या स्नान रविवार और सोमवार को है। आस्था की डुबकी लगाने को बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे हैं। ज्यादातर होटल, गेस्ट हाउस, लाज, धर्मशाला आदि के कमरे भर चुके हैं। कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार बुद्ध पूर्णिमा से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे। इधर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते हरकी पैड़ी, अपर रोड और आसपास के बाजारों में खासी चहल पहल दिखी। संध्याकालीन गंगा आरती में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे।