सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर एक मेसेज वायरल हो गया कि मुंबई-पुणे हाइवे पर एक सड़क दुर्घटना में योग गुरु बाबा रामदेव की मौत हो गई। इस मेसेज के वायरल होते ही हड़कंप मच गया और लोग आधिकारिक स्रोतों से इस खबर की पुष्टि में जुट गए। हालांकि, बाद में पता चला कि यह फर्जी खबर हैं और जिन फोटो के जरिए रामदेव की मौत खबर फैलाई जा रही थी वे अन्य दुर्घटनाओं की थी।
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सोशल मीडिया पर तस्वीरें आने के बाद रामदेव के अनुयायियों ने खबर की सत्यता के लिए पतंजलि योगपीठ और योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े लोगों को फोन करना शुरू कर दिया। हरिद्वार में पतंजलि के प्रवक्ता एस. के. तिजारावाला को बयान जारी कर बताना पड़ा कि शरारती तत्वों ने बिहार में हुए ऐक्सिडेंट और वर्ष 2011 में पतंजलि से जौलीग्रांट हॉस्पिटल ले जाते वक्त कि योगगुरु बाबा रामदेव की तस्वीरों को जोड़कर इस तरह की अफवाह फैलाई है।
उन्होंने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव पूर्ण रूप से स्वस्थ और सुरक्षित हैं। दरअसल जून 2011 में बाबा रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ उपवास पर थे। उपवास के सातवें दिन उनकी तबीयत खराब हो गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
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बता दे कि मुंबई-पुणे हाइवे से जुड़े अधिकारियों ने भी एक मीडिया हाउस को बताया कि इस सड़क पर मंगलवार को ऐसी कोई दुर्घटना हुई ही नहीं है। अब हम आपको बताते हैं कि दुर्घटना में जो गाड़ी दिखाई गई है वह कहां की है। दरअसल, इसी महीने17 तारीख को बिहार के बक्सर में एनएच 84 पर कृष्णब्रह्म के पास आरा के तरारी के जिला पार्षद अमृतेश पांडे की गाड़ी का अगला टायर फटने से यह हादसा हुआ था और इसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। गाड़ी पर सवार अन्य 3 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे।
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