टैक्स चोरी और कालेधन पर शिकंजा कसने के लिए मोदी सरकार लगातार नये-नये तरीके अपना रही है. अब इसके लिए सरकार सोशल मीडिया का सहारा लेने वाली है. इस नये काम के लिए सिस्टम तैयार करने की जिम्मेदारी लार्सेन एंड टुब्रो को मिली है. कंपनी ने इसे 650 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बताया है. इसके साथ ही बताया है कि किस तरह का सिस्टम वह तैयार करेगी और वह कैसे काम करेगा.गांधी जयंती के पूर्व अवसर पर अन्ना हजारे राजघाट पर एक दिन का करेंगे सत्याग्रह…
अब नहीं बचेंगे टैक्स चोर
केंद्र सरकार नोटबंदी के बाद से ही टैक्स चोरी और कालेधन को छुपा कर रखने वालों के खिलाफ कदम उठा रही है. इसी दिशा में उसने कहा है कि वह अब सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी. सरकारी प्लान के मुताबिक आप फेसबुक, ट्विटर या अन्य किसी सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर महंगी गाड़ी, घड़ी या अन्य किसी चीज की भी फोटो डालते हैं, तो आई-टी विभाग इस पर अपनी नजर बनाए रखेगा. ऐसे में अगर आपके महंगे शौक आपकी आय के स्रोतों के साथ मैच नहीं करेंगे, तो आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.
तैयार किया जाएगा ‘सिमेंटिक वेब’
एलएंडटी इंफोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ संजय जलोना ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की तरफ से मिले इस प्रोजेक्ट को ‘बड़ी डिजिटल डील’ करार दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना को कार्यान्वयन करने के लिए ‘सिमेंटिक वेब’ सिस्टम तैयार करना होगा. इसके तहत सभी वेब पेजेस को इस तरह श्रृंखलाबद्द किया जाएगा, जिससे कंप्यूटर्स इन्हें आसानी से पड़ सकें.
ऐसे रखी जाएगी नजर
जलोना ने बताया कि हम हर एक व्यक्ति का सिस्टमैटिक वेब तैयार कर रहे हैं. उनके मुताबिक इस सिस्टम के जरिये हर व्यक्ति और उससे जुड़े लोगों पर करीब से नजर रखी जा सकेगी. उन्होंने उदाहरण दिया कि अगर एक व्यक्ति की पत्नी सेशेल्स घूमने गई और सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड कर रही है, तो हमारा सिस्टम इसे आसानी से कैप्चर कर लेगा.