स्ट्रोक आने से पहले दिखते हैं ये चार संकेत

दुनिया में हर 4 मिनट में एक व्यक्ति की मौत स्ट्रोक से होती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं। यह एक बेहद गंभीर समस्या है, जिसको बारे में सभी लोगों को जानना चाहिए। हर साल 29 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड स्ट्रोक डे’ मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर खतरों और लक्षणों के प्रति जागरूक करना है। स्ट्रोक दुनिया भर में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि यदि इसके शुरुआती संकेतों को स्ट्रोक के पहले 60 मिनट के भीतर पहचान लिया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है और दीर्घकालिक क्षति को कम किया जा सकता है। स्ट्रोक के लक्षणों को याद रखने के लिए एक सरल नियम है, ‘FAST’, जिसे गलती से भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये संकेत अचानक और तेजी से दिखाई देते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाई बीपी, डायबिटीज और अनियंत्रित जीवनशैली के कारण अब यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही है, बल्कि 30 से 40 वर्ष के युवाओं में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके लिए तत्काल जागरूकता और त्वरित कार्रवाई बहुत जरूरी है। F (फेस- चेहरे का लटकना) स्ट्रोक का पहला और दिखने वाला संकेत है चेहरे का टेढ़ा होना है। अगर अचानक चेहरे के किसी एक तरफ कमजोरी महसूस हो या वह हिस्सा लटक जाए, तो यह खतरे की घंटी है। आप मरीज से मुस्कुराने को कहें, यदि मुस्कान आधी-अधूरी या असमान दिखे, या मुंह के कोने से लार बहने लगे, तो तुरंत समझ लें कि यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। यह लक्षण दिखते ही सतर्क हो जाएं। A (आर्म- बांह की कमजोरी) दूसरा संकेत आपके हाथों से जुड़ा है। अगर किसी व्यक्ति के हाथ या बांह में अचानक सुन्न होने लगे या वे कमजोर पड़ जाएं, तो यह दूसरा बड़ा खतरा हो सकता है। उससे कहें कि वह दोनों हाथ एक साथ ऊपर उठाए। यदि एक हाथ अपने आप नीचे गिर जाए या उसे उठाने में बहुत ज्यादा मुश्किल हो, तो यह बताता है कि दिमाग में खून का बहाव रुक गया है। यह स्थिति दिखते ही बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। S (स्पीच- बोलने में दिक्कत) यह संकेत सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर व्यक्ति अचानक लड़खड़ाकर बोलने लगे, उसकी बोली अस्पष्ट (तोतली) हो जाए, या वह सब कुछ समझ रहा हो, पर बोल न पाए, तो यह दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचने का स्पष्ट संकेत है। इस लक्षण को नींद या घबराहट से जोड़कर गलती न करें, ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलें। T (टाइम- तुरंत मदद) यदि आपको ऊपर बताए गए तीन संकेतों (चेहरा, बांह, बोली) में से कोई भी लक्षण दिखता है, तो एक पल भी बर्बाद न करें। ‘T’ का मतलब है तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें। स्ट्रोक के बाद के शुरुआती मिनट ‘गोल्डन आवर’ कहलाते हैं। इस दौरान जितनी तेजी से इलाज मिलेगा, मरीज की जान बचने और स्थायी विकलांगता कम होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
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