डिजिटल इंडिया में साइबर सुरक्षा की दिशा में बड़ी पहल करते हुए केंद्र सरकार ने देश में साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित करने को एक साइबर स्वच्छता केंद्र की शुरुआत की है। इसके जरिये आम लोगों के पर्सनल कंप्यूटर और स्मार्ट फोन को फ्री एंटी-वायरस सुविधा दी जाएगी। यह केंद्र पीसी और मोबाइल फोन को वायरस और नुकसान पहुंचाने वाले सॉफ्टवेयरों से बचाव के लिए काम करेगा।सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से स्थापित इस एंटी मालवेयर एनालिसिस सेंटर लोगों को मुफ्त एंटी-वायरस उपलब्ध कराएगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को इस बोटनेट क्लीनिंग एंड मालवेयर एनालिसिस सेंटर का उद्घाटन किया। इसे 90 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस मौके पर प्रसाद ने कहा कि सभी इंटरनेट सेवाप्रदाता कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने ग्र्राहकों को इस मंच पर आने के लिए प्रेरित करें। सरकार ने इस केंद्र को साइबर स्वच्छता केंद्र का नाम दिया है।
इस केंद्र के जरिए कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) वायरस के हमले से पीड़ित सिस्टम से सारी जानकारी लेकर इंटरनेट सेवाप्रदाता कंपनियों और बैंकों को उपलब्ध कराएगी। इसके बाद इंटरनेट सेवाप्रदाता कंपनियां और बैंक अपने ग्र्राहकों को उनके पीसी या मोबाइल में गड़बड़ी के बारे में सतर्क करेंगे और उस मालवेयर को दूर करने के लिए बोटनेट की वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने की सिफारिश करेंगे। ग्र्राहक ये सॉफ्टवेयर मुफ्त में डाउनलोड कर सकेंगे।
अब तक 58 इंटरनेट सेवाप्रदाता कंपनियां और 13 बैंक इस केंद्र के साथ जुड़ चुके हैं। प्रसाद ने सीईआरटी-इन को जून से पहले नेशनल साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर स्थापित करने को कहा है। सरकार ने इस सेंटर के लिए 900 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।
डिजिगांव से जुड़े माइक्रोसॉफ्ट
इससे पहले मंगलवार को माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने प्रसाद से मुलाकात की। प्रसाद ने नडेला से सरकार के डिजिगांव कार्यक्रम से जुड़कर उसमें योगदान करने का आग्रह किया। डिजिगांव डिजिटल अभियान का एक अभिन्न हिस्सा है। प्रसाद ने बाद में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की।