इस पर टीम के सदस्यों ने पुलिस के हेड कांस्टेबल बुला लिए। हेड कांस्टेबल को देखते ही मरीज घबरा गया और अस्पताल के लिए रवाना हो गया। नोडल आफिसर डा. गौरव अग्रवाल के मुताबिक सर्वे के दौरान कई लोग ऐसे मिलते, जो जांच के लिए तैयार नहीं होते। जबकि उन्हें स्क्रीन करना जरूरी है। छोटा सा रिस्क भी इस समय जानलेवा साबित हो सकता है।
स्वाइन फ्लू के दो नए पेशेंट
शनिवार को स्वाइन फ्लू के दो नए पेशेंट और आए। एक पेशेंट तीन वर्षीय बच्चा है, जो सेक्टर 56 का रहने वाला है। इसे सेक्टर 16 में एडमिट कराया गया है, जबकि दूसरा पेशेंट 24 वर्षीय महिला है, जो पीजीआई कैंपस में रहती है। दोनों पेशेंट को मिलाकर अब तक चंडीगढ़ में कुल 20 पेशेंट स्वाइन फ्लू के आ चुके हैं। इनमें चार मरीजों की मौत भी हुई है।
अब तक 25617 लोगों की जांच हुई
चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाउस टू हाउस सर्वे चलाया जा रहा है। इसमें अब तक 25617 मरीजों की जांच की गई। जिनमें से 15 मरीजों को स्वाइन फ्लू की जांच के लिए भेजा गया है। विभाग के मुताबिक सेक्टर 37, मलोया, 26, 24, 48, 55, और सेक्टर 56 सबसे ज्यादा रिस्क फ्रेक्टर में हैं। यहां के कई लोग स्वाइन फ्लू के चपेट में आ चुके हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर के मुताबिक, अगर स्वाइन फ्लू की आशंका हो तो जांच कराएं। स्वाइन फ्लू होने पर जुकाम के साथ नाक से पानी आएगा। गले में खराश होगी और आंखें लाल होंगी। बुखार होगा, सांस लेने में तकलीफ होगी। हर समय कमजोरी और थकान महसूस होगी। इसलिए बहुत जरूरी है तो मरीज का ध्यान रखा जाए और उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया जाए।
इस तरह की सावधानी बरतें
स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद मरीज से पांच फीट की दूरी बनाएं। मरीज को अलग कमरे में रखें। तौलिया अलग कर दें। भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न निकलें। हाथ मिलाने से बचें। मास्क लगाएं और हाथ न मिलाएं। नाक व मुंह छुने पर साबुन से हाथ धुले। सर्दी-जुखाम व बुखार आने पर बिना डॉक्टरी सलाह पर दवाएं न लें। खानपान में सावधानी बरतें