जयपुर: राजस्थान में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा काफी कोशिशों के बाद भी स्वाइन फ्लू का प्रकोप खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं स्वाइन फ्लू से मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। सवाइन फ्लू से राज्य में स्वाइन फ्लू से 146 मौतें हो चुकी है।
वहीं प्रदेश के फलसूण्ड.क्षेत्र में सात लोगों की मौत हो गई। पदमपुरा गांव के सियागो की ढाणी में एक 85 वर्षीय वृद्ध अमराराम को दो दिन पहले बुखार, खांसी जुखाम होने पर परिजनों ने जोधपुर उपचार के लिए ले गए व अस्पताल में भर्ती करवाया था। जांच के बाद वृद्ध को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। वहीं सूचना मिलने पर चिकित्सकीय टीम उनके घर पहुंच कर स्क्रीनिंग की गई।
चिकित्सक नीरज वर्मा ने बताया कि पीडि़त व आसपास के 58 घरों की स्क्रीनिंग की गई जिसमे 294 लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर दवाई दी गयी व 30 टांको में टेमिफॉस की दवा डाली गई। आपको बता दें प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू को लेकर लगातार स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है। वहीं सरकारी जांच केंद्रों में स्वाइन फ्लू की जांच प्रक्रिया को निशुल्क कर दिया गया है। प्रदेश में 9 लाख 58 से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई थी।
वहीं कोटा, बीकानेर, जोधपुर, पाली और बाड़मेर में भी कई मौतें हुई। जोधपुर में स्वाइन फ्लू सबसे अधिक 32 मौत हुई। स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक रोग हैए जो एक विशिष्ट प्रकार के इनफ्लुएंजा वाइरस एच-1 एन1 के द्वारा होता है। इसमें मरीज को जुकाम, गले में खराश, सर्दी खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेटदर्द व उल्टी दस्त की शिकायत रहती है। यह रोग बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को तीव्रता से प्रभावित करता है। यह खांसने, छींकने व छूने से फैलता है। इसके साथ ही संक्रमित होने से 5-7 दिन में यह लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं।