कोरोना संक्रमित मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या और मौतों को देखते हुए बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह उर्सला अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि सूचना मिली है कि हैलट में कोविड और नॉन कोविड मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। वहां मरीजों का दबाव अधिक होने से व्यवस्था गड़बड़ा रही है। इस पर सीएमएस डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि यहां नॉन कोविड मरीज कम आ रहे हैं, जिससे ऑपरेशन भी कम हो रहे हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि हैलट से सामान्य मरीजों को उर्सला रेफर कराने की व्यवस्था बनाई जाए। उन्हेंं यहां भर्ती कर गुणवत्तापरक इलाज मुहैया कराएं। जब सभी सुविधाएं हैं तो मरीज क्यों रेफर किए जाते हैं। यहां से सिर्फ अति गंभीर मरीजों को ही हैलट भेजा जाए।
कोविड मरीजों की काउंसिलिंग का तैयार कराएं डाटा
जिले में कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार सुबह सबसे पहले उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी की हेल्प डेस्क देखी। वहां मरीजों के कर्मचारियों से पूछताछ की। फिर इमरजेंसी वार्ड देखा और बेड बढ़ाने के निर्देश दिए। होल्डिंग एरिया भी देखा, जहां नॉन कोविड एवं कोविड मरीज भर्ती होते हैं। निरीक्षण के दौरान गंदगी देख नाराजगी भी जताई। सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश भी दिए। कहा, सैनिटाइजेशन लगातार कराते रहें। वहां से निकल कर उर्सला के बर्न वार्ड स्थित सीएमओ के कोविड कंट्रोल को रूम देखा। कोविड मरीजों की काउंसिलिंग का डेटा तैयार कराने का निर्देश दिया। उस डाटा को इलाज कराने वाले डॉक्टरों से भी साझा किया जाए।
तेजी से कराएं कोविड की जांच
वहां से निकल कर मंत्री ओपीडी ब्लॉक के दूसरी मंजिल स्थित कोविड ट्रूनॉट लैब गए, जहां सेमी इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच की जा रही है। वहां के पैथालॉजिस्ट एवं लैब टेक्नीशियन से पूछा, रोजाना कितनी जांचें होती हैं। बताया गया कि रोजाना 22-25 जांचें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 11 जिलों में कोरोना से मौतें अधिक हो रही हैं, इसलिए रणनीति बनाकर कांटेक्ट ट्रेसिंग को बढ़ाते हुए तेजी से कोविड की जांच कराएं। मृत्युदर कम करने के लिए अधिक से अधिक जांच कराएं। आमजन को महामारी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जाए। जिलाधिकारी डॉॅ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आरपी यादव व सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला भी मौजूद रहे।
पैसे मांगने की शिकायत
उर्सला से लौटने के दौरान एक मरीज ने मंत्री से ऑपरेशन के लिए पैसे मांगने की शिकायत की। इस पर मंत्री ने तत्काल सर्जन को बुला लिया। सर्जन ने बताया कि मरीज को गुर्दे की गंभीर बीमारी है। पहले उसका इलाज होगा, उसके बाद ही ऑपरेशन हो सकेगा। उन्होंने किसी तरह का पैसे मांगने की बात से इन्कार किया।