सीरिया में चल रहे गृह युद्ध की वजह से कई लोगों की जिन्दगी तबाह हो गई है। इनमें से कई लोगों ने दूसरे देशों में शरण ले ली। ऐसा ही कुछ हुआ था सीरिया के रिफ्यूजी अब्दुल हलीम के साथ। देश से बाहर निकलकर वो अपनी बेटी के साथ लेबनान के बेरुत में आ गए, जहां सड़कों पर घूमकर वो पेन बेचा करते थे। लेकिन उनकी एक तस्वीर ने उनकी किस्मत बदल दी। बेटी को गोद में लेकर बेचा करते थे पेन…
 बेटी को गोद में लेकर बेचा करते थे पेन…
अब्दुल की ये तस्वीर सोशल साइट्स पर वायरल हुई थी। तपती दोपहर को अपनी बेटी को कंधे पर टांगे अब्दुल लोगों से पेन खरीदने की गुजारिश कर रहे थे। तभी किसी ने उनकी ये तस्वीर क्लिक कर सोशल साइट्स पर शेयर कर दी, जहां से ये वायरल हो गया और लोगों के दिल में इस पिता के लिए हमदर्दी जाग गई। नोर्वेगियन वेब डेवलपर गिस्सुर सिमोनारसों ने अब्दुल की मदद के लिए क्राउड फंडिंग की। इससे लगभग 1 करोड़ 29 लाख रुपए जमा हो गए।
पैसों से शुरू किया बिजनेस अब्दुल ने डोनेशन में मिले पैसों से अपना बिजनेस शुरू किया। अब्दुल ने बाकी रिफ्यूजी की मदद करने की सोची। उसने अपने बिजनेस में 16 रिफ्यूजी को शामिल किया। लेबनान में करीब 12 लाख रिफ्यूजी रहते हैं। अब्दुल की कोशिश है कि वो उनकी मदद कर पाएं।
सड़क पर पेन बेचने वाला आज बन गया बिजनेसमैन एक तस्वीर की वजह से अब्दुल ने दुनिया का दिल जीत लिया। लोगों से मिली मदद ने आज उन्हें बिजनेसमैन बना दिया है। आज उनके पास खुद का दो बेडरूम का अपार्टमेंट है। फिलहाल अब्दुल लेबनान में ही अपनी बेटी रीम और बेटे अब्दुल्लाह के साथ रह रहे हैं।
 TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
				 
						
					 
						
					