अगर एक व्यक्ति दूसरे की मदद करे और दूसरा तीसरे की तो इससे कुछ सालों में गरीबी मिट जाएगी और देश तरक्की करने लगेगा। सलमान खान स्टारर एक फिल्म इस सोच के साथ बनाई गई थी। हालांकि उज्जैन के एक पेट्रोल पंप संचालक सालों पहले ही मानवता की ऐसी एक चेन शुरू कर चुके हैं। उनकी मदद से एक दिव्यांग आज अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर बना रहा है। इस चेन से अब तक 5 लोग जुड़ चुके हैं। इरादा और भी कई लोगों की मदद का है।
कॅरियर को लेकर फिक्रमंद दिव्यांगों के उत्थान के लिए पेट्रोल पंप संचालक रविप्रकाश लंगर ने यह चेन बनाई है। ऐसी चेन जिसमें होनहार दिव्यांगों को सहयोग देकर कॅरियर बनाने में मदद की जाती है। इसी चेन की दूसरी कड़ी 42 वर्षीय दिलीप डोडिया ने सड़क से उठकर अमेरिका की सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में पहुंचने का करिश्मा कर दिखाया है। अब वे अपने काम के साथ इस चेन को आगे बढ़ाने का प्रयास भी कर रहे हैं। नागदा के सुरेश नायर (अब दिवंगत), उज्जैन की जया ठुमरे और कोमल उपाध्याय को भी इस चेन से मदद मिली है। यह चेन जल्द ही सोशल मीडिया पर ऑनलाइन काउंसलिंग की सुविधा भी मुहैया कराएगी।
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रास्ते में रोका, कहा- बेहतर कॅरियर बनाओ, मदद मैं करूंगा
देवास के भुतिया बुजुर्ग गांव में जन्मे दिलीप मध्यमवर्गीय किसान परिवार के बेटे हैं। वह इन दिनों उज्जैन छुट्टियां मनाने आए हैं। नईदुनिया से मुलाकात में उन्होंने अपनी कामयाबी और श्री लंगर के चेन सिस्टम पर बात की। कहा कि साल 2001 में एमएससी की पढ़ाई के दौरान कॅरियर को लेकर फिक्रमंद था। सोचा था कुछ न कुछ कर शिक्षक बन ही जाऊंगा। इसी बीच एक दिन हॉस्टल से ऋषिनगर अपनी ट्राइसिकल से जा रहा था कि रास्ते में श्री लंगर ने रोक लिया। नाम, पता और कॅरियर को लेकर पूछा।
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कहा, कम्प्यूटर क्रांति का दौर है। इसमें कॅरियर बनाओ। मदद मैं करूंगा। सप्ताहभर विचार के बाद उनसे उनके पंप पर जाकर मिला। उन्होंने इंदौर में मल्टीमीडिया और कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर डवलपर की ट्रेनिंग दिलाई। जॉब पक्की कराई। आत्मविश्वास बढ़ा और श्री लंगर के साथ चेन की एक ओर कड़ी राजेंद्र द्विवेदी का सहयोग मिला तो साल 2012 में अमेरिका पहुंच गया। दूसरों के लिए कुछ करो तो अच्छा लगता है। इसी भावना के साथ चेन को आगे बढ़ाने का काम शुरू किया है।