हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के तेवर एक बार फिर तीखे हो रहे हैं। इस बार भी विज ने अफसरशाही में कामकाज के प्रति ढीले रवैये के खिलाफ अपना नजरिया जाहिर किया है। विज ने अपने ही महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा के कार्यालय में लंबित फाइलों को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। बता दें, इससे पहले विज सीआइडी को अपने मंत्रालय के अधीन बताते हुए विभाग के प्रमुख से रिपोर्ट उन्हें करने का मुद्दा उठा चुके हैं। हालांकि यह मुद्दा तब खत्म हो गया जब सीएम मनोहर लाल ने सीआइडी का विभाग गृह मंत्रालय से हटाकर अपने अधीन कर लिया।
वीरवार को शुरू हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिल्ली दौरे के दौरान ही अनिल विज भी राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गए थे। यहां उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। विज ने इस मुलाकात को सामान्य शिष्टाचार भेंट बताया। मगर सूत्र बताते हैं कि उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष राज्य में बेलगाम अफसरशाही के अनेक उदाहरण रखे। गृहमंत्री विज का मुख्यमंत्री कार्यालय के ज्यादातर अधिकारियों से 36 का ही आंकड़ा रहा है। वे इन अधिकारियों के बारे में कई बार सार्वजनिक रूप से बोल चुके हैं, मगर इस बार उन्होंने पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया है।
विज शुक्रवार को वापस अपने गृहक्षेत्र अंबाला के लिए रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने किसान संगठनों के आंदोलन में फैली अराजकता से लेकर अपने महकमे स्वास्थ्य, शहरी स्थानीय निकाय की उपलब्धियों पर खुलकर मीडिया से बात की, लेकिन वे गृह सचिव के खिलाफ लिखे पत्र पर चुप ही रहे। इतना ही नहीं विज दिल्ली प्रवास के दौरान हरियाणा भवन में रहे, मगर उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कोई मुलाकात नहीं हुई। विज से मिलने के लिए हरियाणा भवन में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता एवं पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन शर्मा भी पहुंचे थे।
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