होलिका दहन पर इस साल भद्रा के साथ-साथ चंद्र ग्रहण का साया भी रहेगा। यह भद्रा सुबह 9.56 बजे से रात 11.13 बजे तक रहेगी। भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च और रंगोत्सव 25 मार्च को मनाया जाएगा।
होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया लगने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है।
होलिका दहन पर इस साल भद्रा के साथ-साथ चंद्र ग्रहण का साया भी रहेगा। इस साल करीब 100 साल बाद होली पर उप छाया चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषि गिरीश आहूजा ने बताया 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि का आरंभ सुबह नौ बजकर 56 मिनट से होगा और 25 तारीख में दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी। इस बार होलिका दहन 24 मार्च और रंगोत्सव 25 मार्च को मनाया जाएगा।
होलिका दहन पर भद्रा का साया
24 मार्च को भद्रा पूर्णिमा तिथि के आरंभ होने के साथ ही लग रही है और रात में 11 बजकर 13 मिनट तक भद्रा रहेगी। 17 मार्च से होलाष्टक आरंभ हो चुका है जो 24 मार्च तक चलेंगे। यह होलाष्टक 8 दिन के होंगे। इस बार होलिका दहन के समय भद्रा लगी हुई है। यह भद्रा सुबह 9.56 बजे से रात 11.13 बजे तक रहेगी। भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है। ज्योतिषी ने बताया शास्त्रों में आवश्यक परिस्थितियों के अनुसार भद्रा मुख काल को छोड़कर भद्रा पुच्छ काल में होलिका दहन कर सकते हैं। इसका समय शाम 6.34 बजे से 7.54 बजे तक रहेगा इस समय होलिका दहन करना उचित होगा।
होलिका दहन पर चंद्रग्रहण का साया
होलिका दहन पर चंद्रग्रहण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। जबकि इस बार होली पर कोई चंद्रग्रहण नहीं है। जो उप छाया चंद्रग्रहण लगने जा रहा है वह भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इसका सूतक काल एवं दान आदि करने का भी विधान मान्य नहीं रहेगा। इसलिए होली पर ग्रहण दोष का भय मन से हटाकर रंगोत्सव का आनंद ले।
होलिका दहन में करें ये उपाय
यदि किसी घर, दुकान, कार्यालय पर किसी की नजर लगी हो तो पांच लोग दो इलायची और एक कपूर लेकर अपने घर या कार्यालय में घुमाकर होलिका में दहन करने से लाभ प्राप्त होता है। यदि आप लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो होलिका दहन में एक सफेद कागज पर अपनी बीमारी लिखकर होलिका में डाल दें और भगवान विष्णु से स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें। यदि आपके ऊपर राहु केतु की महादशा चल रही हो या कामकाज में रुकावटें बाधाएं हों तो एक सूखा नारियल लेकर अपने ऊपर से सात बार उल्टा घुमाकर जलती होलिका में डाल देने से राहु केतु के दोष से मुक्ति मिलती है और कामकाज में आ रही बाधाएं भी दूर रहती हैं।