आज देश में हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है। यह त्योहार हर बार सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया की तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार पंजाब और उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है आज के दिन भगवान शिव देवी पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।

शिव जी के वरदान से देवी पार्वती के मन में इतना खुशी छाई वह खुशी से झूम उठीं तब से हर सावन महीने की शुक्ल तृतीया को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है।
यह व्रत महिलाएं अपने लिए शिव और पार्वती जैसी पति-पत्नी के रूप में कामना करने के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन नव विवाहिता अपने मायके आती हैं और अपने साथ नए कपड़े और मिठाइयां लाती हैं जिसे सिंधारा के नाम से जाना जाता है।
इस पर्व में महिलाएं मेहंदी लगाकर श्रृंगार कर और हरी-चूड़ियां पहनकर झूला झूलती हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं मिट्टी से मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं फिर पूजा के बाद इन मूर्तियों को किसी नदी में प्रवाहित कर देती हैं।
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