हरियाली तीज पर सुहागन महिलाएं व्रत रखकर और सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी आयु के लिए माता पार्वती और भगवान शिवकी पूजा-अर्चना करती हैं।
इस पर्व पर महिलाएं में मेंहदी, सुहाग का प्रतीक सिंघारे और झूला झूलने का विशेष महत्व होता है। गांव और कस्बों में जगह-जगह झूले लगाए जाते है और महिलाएं एक साथ कजरी गीत गाती हैं।
हरियाली तीज पर नव विवाहित महिला को उनके ससुराल से मायके बुलाने की परंपरा है। साथ ही ससुराल से भेंट स्वरुप कपड़े, गहने, सुहाग का सामान और मिठाई साथ में दी जाती है।
इस दिन अनेक स्थानों पर मेलों का आयोजन किया जाता है। यह त्योहार उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और राजस्थान में बड़े धूमधाम से माता पार्वती और भगवान शिव की सवारी निकाली जाती है जिसकी एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।