इस गर्मी भारत में घरेलू हवाई सेवा के किराये के दाम आसमान छू सकते हैं. इसके पीछे कारण जेट फ्यूल के दाम हैं, जो पिछले चार सालों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं .
इस मई के पहले 15 दिन में पिछले साल के इसी वक्त के मुकाबले हवाई यात्राओं का किराया 17 फीसदी बढ़ा है. किराये में बढ़ोतरी का असर हवाई सेवा की मांग पर भी पड़ा है. ज्यादा किराये की वजह से इस महीने कम लोगों ने हवाई सफर किया है.
ईटी ने यात्रा डॉट कॉम के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) शरत ढाल के हवाले से बताया कि हवाई यात्रा के किरायों में मई की शुरुआत से ही वृद्धि हुई है. यह अप्रैल 2018 की तुलना में 15 फीसदी और मई 2017 की तुलना में 10 फीसदी बढ़े हैं.
हालांकि कुल बढ़ोतरी 17 फीसदी हुई है. उन्होंने कहा कि किराये बढ़ने की कई वजहें हैं. इसमें जेट फ्यूल के दामों में 6.3 फीसदी की बढ़ोतरी और गर्मी की छुट्टियों में बढ़ती डिमांड है.
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक हवाई ईंधन के दाम मई 2018 के दौरान दिल्ली में 26.4 फीसदी बढ़े हैं. हवाई ईंधन के दाम का असर हवाई सेवा के दामों पर 50 फीसदी तक पड़ता है. दामों के बढ़ने से डिमांड पर असर होता है
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