महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को हाईकोर्ट से अच्छी खबर मिली है। दरअसल हाईकोर्ट ने माझी लाड़की बहिन योजना के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि याचिका महिलाओं के लिए लाभकारी है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। योजना को भेदभावपूर्ण भी नहीं कहा जा सकता है। बता दें कि बजट में महाराष्ट्र सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी।
बांबे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार की माझी लाड़की बहिन योजना महिलाओं के लिए एक लाभकारी योजना है। इसे भेदभावपूर्ण नहीं कहा जा सकता। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीद अब्दुल सईद मुल्ला द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा- यह नीतिगत मामला
याचिका में इस योजना को रद करने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा कि सरकार को किस प्रकार की योजना बनानी है, यह न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर का मामला है। कोर्ट ने कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय है, इसलिए हम तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकते, जब तक कि किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन न हो।
क्या है यह योजना?
पीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना के तहत 21 से 65 वर्ष आयु की उन पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 1,500 रुपये हस्तांतरित किए जाने की योजना है, जिनके परिवार की आय 2.5 लाख रुपये से कम है। इस योजना की घोषणा राज्य के बजट में की गई थी।
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