यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के तेजतर्रार नेता आजम खान के बीच आखिर क्या बातचीत हुई? ये सवाल लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में गुरुवार सुबह तैरने लगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र की शुरुआत पर विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान आत्मीय ढंग से बात करते देखे गए. एक बार फिर टल बड़ा हादसा: रेलवे ट्रैक की खुली मिलीं पेंड्रोल क्लिपें, पलटने से बचीं छह ट्रेनें
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मीडिया कैमरों के सामने योगी और आजम ने एक दूसरे का हाथ भी थामा. आपस में बात भी की. इसके बाद योगी आदित्यनाथ वापस चले गए और आजम ने विधानसभा के भीतर प्रवेश किया. गर्मजोशी से हुई इस मुलाकात को सत्ता के गलियारों में पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से जोड़ कर देखा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछली कैबिनेट बैठक में रामपुर वक्फ प्राधिकरण को लखनऊ वक्फ प्राधिकरण में समाहित कर दिया है. यानि अब रामपुर वक्फ प्राधिकरण का अलग से कोई वजूद नहीं रहेगा जो कि समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में आजम खान के कहने पर बनाया गया था.
लिहाजा आजम खान के बदले तेवरों को रामपुर वक्फ बोर्ड मे बदलाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. आजम का योगी के साथ मुस्कुराहट के साथ मिलने के क्या निहितार्थ हैं, ये आने वाले दिनों में साफ हो सकता है.
यूपी सरकार संगठित अपराध के लिए यूपीकोका जैसा सख्त कानून लाने जा रही है. इसमें किसी भी तरीके के संगठित अपराध के खिलाफ सख्ती से कानून पालन करने की व्यवस्था होगी. संगठित अपराध के तहत जमीन हड़पने, भूमाफिया, खनन, गैंगस्टर्स जैसे सभी मामले आते हैं. बता दें कि आजम खां पर कई ऐसे आरोप हैं जो कि यूपीकोका की श्रेणी में आ सकते हैं.
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