पाकिस्तान से पहले बार एक ख़ुशी की खबर आई है कि जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को दिल का दौरा पड़ गया है कहा जा रहा है कि उसका इलाज पाकिस्तान के रावलपिंडी के एक अस्पताल में किया जा रहा है. उसकी हालत बहुत नाजुक है और पाक में सभी ने इस पर चुप्पी साध रखी है . हाफिज सईद को फालो करने वाले अन्य आतंकी संगठनो ने भी इस पर चुप्पी साध रखी हैं .
दरसअल, कश्मीर के उरी में हुए आर्मी के बेस कैंप पर आतंकी हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे. इन्हीं शहीद जवानों का बदला लेने के लिए भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसमें भारतीय कमांडोज ने पाक के कश्मीर में चल रहे करीबन 7 आतंकी कैंपों का खात्मा दिया था. जिसमें 50 से ज्यादा आतंकियों को भारतीय फौज ने मार गिराया था .
30 सितंबर को ही हाफिज मारे गए आतंकियों की जनाजे की नमाज में भी शामिल हुआ और इसी दिन उसने भारत को धमकी दी कि वो इस सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेकर ही रहेगा और फिर अमेरिका भी भारत को बचा नही पाएगा बता दें कि उसके इन तेवरों के बाद खबर आई थी कि पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे सलाह दी है कि वो अभी कुछ दिनों तक शांत रहे और अंडरग्राउंड भी हो जाए .
बताया जा रहा है कि रावलपिंडी में एक जगह है लाल कुर्ती आईएसआई ने उसे यहीं पर छिपाया हुआ है लालकुर्ती का ये पूरा का पूरा इलाका सेना छावनी वाला है. यही पास में ही शहीद आफिसर्स कॉलोनी भी है . आईएसआई का मानना है कि ये इलाका हाफिज के लिए सबसे सुरक्षित है यहां पर घुसकर कोई उसे मार भी नहीं पायेगा . छावनी होने की वजह से पाकिस्तानी फौज को उसकी और उसे पाकिस्तानी फौज की मदद आसानी से मिल जायगी .
बताया जा रहा है कि तीस सितंबर को 50 आतंकियों की एक साथ लाशें देखने के बाद से ही उसकी तबियत खराब हो गई थी उसकी बैचेनी और घबराहट काफी बढ़ गई थी. उसका ब्लड प्रेशर भी लो हो गया . इसके बाद रावलपिंडी में ही आर्मी के डॉक्टरों द्वारा उसका ट्रीटमेंट किया जा रहा है लेकिन उसकी हालत में खास सुधार नहीं हो रहा . इसके बाद खबर आई की देर रात उसे दिल का दौरा पड़ गया था और उसी रात उसको रावलपिंडी के कंबाइंड मिलेट्री हॉस्पिटल ले जाया गया जानकारी के मुताबिक वो अब तक वहीं एडमिट है .
अगर स्तिथि ऐसी ही रही तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपको एक अच्छी खबर मिल सकती है क्योंकि खबरों के अनुसार उसकी हालत नाजुक बनी हुई है .
कहा जा रहा है कि अगर हाफिज सईद की इस बीमारी में मौत हो जाती है तो उसकी कुर्सी को लेकर भी संगठन में जंग छिड़ जाएगी क्योंकि हाफिज की गद्दी पर उसके साले अब्दुर रहमान मक्की की नजर है वहीँ दूसरी ओर हाफिज अपने दामाद खालिद वलीद को गद्दी देना चाहता है हाफिज के बाद उसका संगठन अपने आप ही टूट जाएगा परन्तु फिलहाल तो आईएसआई उसकी जान बचाने में लगी हुई है .