*हिंदी लैंग्वेजे में छोटी गलतियां करने से उड़ सकता आपका मजाक
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हिंदी हमारे देश की सर्वाधिक बोली और लिखी जाने वाली लैंग्वेज है। पर अक्सर देखा गया है कि सोशल मीडिया पर मोबाइल, लैपटाप य पीसी से लिखने के दौरान हम कुछ ऐसी मामूली गलतियां कर देते है जिससे मजाक के पात्र बनते है। आईये आपको बताते है क्या है वो सामान्य गलतियां जिससे बचा जा सकता ।#tosnews
*इलेक्ट्रनिक डिवाइसो पर होने वाले गलतियो को कहते है टाइपों* #tosnews
आमतौर पर पीसी, लैपटाप, और मोबाइल पर अंग्रेजी में टाइपिंग के दौरान जो गलतियां होती है,उन्हें टाइपों कहा जाता है। मतलब अंगेजी षब्द में हिंदी लिखने के दौरान जब गलतियां होती है तो उनके मतलब बदल जाते है और वे टाइपों कहलाते है।
*कामा, फुलस्टाप और पूर्ण विराम में होती है ज्यादा गलतियां* #tosnews
कम्प्यूटर पर लिखने के दौरान ज्यादातर लोग आलस्य कहे या जानकारी का अभाव की पूर्णविराम के स्थान पर डाॅट का इस्तेमाल कर जाते है या कामा लगा देते है। पूर्णविराम के स्थान पर फुलस्टाप का प्रयोग करने से देवनागरी लिपि की मायने भी प्रभावित होते है। वहीं स्पेष देने की गलतियां भी ज्यादा होती है जिससे अक्सर पढने वाले षब्दों को समझने में दिक्कत से रूबरू होते है और सामने वाले का मजाक बन जाता है।
*संस्कृत भाषा के डबल डंडे को फुलस्टाप समझने की न करे गलती* -#tosnews
अक्सर लोगों को देखा गया है सोषल साइट पर लिखने के दौरान जल्दीबाजी में सामान्य गलतियों को महत्तव नहीं देते है। कुछ जानकारी के आभाव में संस्कृत में लोगों के अंत में लिखे जाने वाले डबल डंडे के चिन्ह लगा देते है। वहीं संस्कृत शब्दों के अंत में पूर्ण विराम लगा देते है। ऐसे में अगर टाइपिंग के दौरान इन सिंबल को खोजना पड़े तो उसे ,खोजने की जहमत नहीं उठाते है जिससे ये गलतियां नहीं सुधरती है।
*विसर्ग तथा काॅलन की गलती* #tosnews
अक्सर लिखने के दौरान उपयोग करता विसर्ग यानी डबल काॅलन जिसे डबल डाॅट: कहा जाता है, उसके समान पर रू को टाइप कर देते जो की बड़ी ब्लेंडर होती है। वहीं इन वर्ड के इस्तेमाल के लिये यूनीकोड का इस्तेमाल कर सकते है।
*जाने क्या है वर्तनी* #tosnews
वर्तनी किसी शब्द को लिखने में इस्तेमाल होने वाले वर्णो के क्रम को वर्तनी या अक्षरी कहते है। आज के टाइम मे ज्यादातर लोगों को इसका ज्ञान नहीं होता है। हिंदी लिटेªक्चर में इसका महत्तव काफी होता है। किसी लांग्वेज के समस्त ध्वनियों को सही ढंग से प्रेजेंट यानी उच्चारित करने के लिये वर्तनी एकरूपता स्थापित की जाती है।
*इन प्वाइंट पर टिकी है हिंदी* #tosnews
हिंदी को समझने, बोलने, लिखने की चार प्वाइंट बेहद इंपॉर्टेंट है। सुनना, बोलना, पढ़ना व लिखना। लिपि देवनागरी हिंदी भाषा का अंग है। जिसकी प्रधान विशेषता है कि जैसे बोली जाती है वैसे ही लिखी जाती है। इसलिये लिखने से पगले स्वर-ध्वनि को समझकर लिखना जरूरी होगा। यदि उ की ध्वनि आ रही है तो उ की मात्रा का प्रयोग करें। शब्द-संरचना तथा वाक्य प्रयोग में वर्तनीगत मिस्टेक के कारण भाषा डिफॉल्ट हो जाती है।
शब्दों के चयन में मात्रा, कामा, और स्पेश रखे।