नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जो जख्म पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने विराट कोहली एंड कंपनी को दिया था उसका बदला भारतीय क्रिकेट टीम की महिला क्रिकेटरों ने ले लिया। महिला वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ 169 रन का स्कोर बनाने के बाद ऐसा संकेत थोड़ी देर के लिए मिला कि शायद भारतीय महिला क्रिकेटर्स भी पुरूष क्रिकेटरों की तरह हथियार न डाल दे लेकिन गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन कर वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम का दबदबा बरकरार रखा। पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी तू चल मैं आया की तर्ज पर पवैलियन लौटती चली गई और भारतीय टीम ने पाकिस्तान पर 95 रनं की जीत दर्ज कर ली।
एकता बिष्ट के आगे पाकिस्तानी महिला क्रिकेटर्स की बोलती बंद
एक तरफ अनुभवी झूलन गोस्वामी ने जहां अपने अनुभव से पाकिस्तानी बल्लेबाजों को बांधे रखा तो वहीं दूसरी तरफ एकता बिष्ट की नाचती हुई गेंदों के आगे पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने सरेंडर कर दिया। एकता बिष्ट ने 10 ओवर में सिर्फ 18 रन देकर 5 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। पाकिस्तान की महिला क्रिकेटरों के पास भारत की इस गेंदबाज का कोई काट नहीं था। यही वजह थी कि टीम इंडिया की जीत में अहम योगदान निभाने वाली एकता बिष्ट को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। पाकिस्तान की पूरी टीम सिर्फ 74 रनों पर ही ढेर हो गई।
सिर्फ 170 रनों का ही लक्ष्य रख पाई भारतीय टीम
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय महिला क्रिकेटरों से ये उम्मीद थी कि वो बड़ा स्कोर खड़ा करेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूनम राउत के 47 और सुषमा वर्मा के 33 रनों की संघर्षपूर्ण पारियों की बदौलत टीम इंडिया 169 रन ही बना पाई। सबसे बड़ी बात ये रही कि पचास ओवर खेलने के बावजूद भारतीय टीम 200 रनों के आंकड़े को नहीं छू पाई। भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ कही जाने वाली कप्तान मिताली राज सिर्फ 8 रन ही बना पाई। ऐसे में भारतीय टीम को बल्लेबाजी में सुधार करना होगा। भारतीय महिला क्रिकेटरों की इस जीत ने भारतीय खेलप्रेमियों को खुशी से झूमने का मौका दो मायनों में दिया। पहला ये की भारतीय टीम अपनी धुर विरोधी पाक को धुल चटाने में कामयाब रही और दूसरा ये कि हाल ही में विराट कोहली की अगुवाई में जिस तरह भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के हाथों हारी थी उसका बदला भारतीय महिला क्रिकेटरों ने ले लिया।