राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को कहा कि हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसका संबंध किसी और धर्म के लोगों से नहीं है।Breaking: बेटियों के पैदा होने पर मिली ऐसी प्रताडऩा की कर ली आत्महत्या!
इंदौर के एक कॉलेज में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जर्मनी किसका देश है? जर्मन लोगों का, ब्रिटेन किसका देश है? ब्रिटिश लोगों का, अमेरिका अमेरिकी लोगों का, इसी तरीके से हिंदुस्तान हिंदुओं का है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यहां कोई और नहीं रह सकता।
आगे भागवत ने कहा कि जो भारत माता के बेटे हैं और यहां के संस्कारों के हिसाब से रहते हैं वे सब हिंदू हैं। संघ प्रमुख ने मौजूदा वक्त की कलयुग से तुलना करते हुए कहा कि पहले लोग अपने भले के लिए भगवान की तरफ देखते थे और अब सरकार की तरफ देखा जाता है।
भागवत ने कहा कि सरकार उसी हिसाब से काम करती है जिस हिसाब से समाज चलता है, इसलिए अगर भारत को ‘विश्वगुरु’ बनना है तो हर स्तर पर होने वाले भेदभाव को खत्म करना होगा।