हिमाचल के आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह का निधन हो गया है। कर्ण सिंह पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन पहले ही उन्हें उपचार के लिए ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीच्यूट दिल्ली में भर्ती करवाया गया था। बताया जा रहा है कि वीरवार देर रात करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
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उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर किया जाएगा। सीएम वीरभद्र सिंह ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार और हिमाचल प्रदेश ने एक वरिष्ठ नेता को खो दिया है। फिलहाल उनके शव को दिल्ली से एयर एंबुलेंस के जरिए कुल्लू लाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली में उनके साथ उनकी पत्नी शिवानी सिंह और बेटा आदित्य विक्रम सिंह मौजूद हैं। उन्हें साल 2015 सितंबर में उन्हें वीरभद्र सरकार में आयुर्वेद मंत्री बनाया गया था। वह कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। 1998 में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। उनके बड़े भाई महेश्वर सिंह भी वर्तमान में कुल्लू से विधायक हैं।
भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे थे कर्ण सिंह
जनता का कहना है कि कर्ण सिंह स्वयं नेक इनसान थे । महेश्वर सिंह की बदौलत वे बंजार की राजनीति में 1990 में आए और 1990 से लेकर 1993 तक बंजार से भाजपा के विधायक रहे लेकिन 1993 में उन्हें पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर से मात खानी पड़ी। 1998 में कर्ण सिंह ने सत्य प्रकाश ठाकुर को एक बार फिर हराकर बंजार सीट पर कब्जा जमाया।
गुटबाजी के चलते छोड़ दी थी भाजपा
कर्ण सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा कुल्लू में पूरी की और पुणे में राजनीति शास्त्र बीए ऑनर्स की शिक्षा प्राप्त की। बीए ऑनर्स की शिक्षा ग्रहण करने के बाद कर्ण सिंह ने प्रबंधन क्षेत्र में कई प्रकार की परीक्षाएं पास की और मुंबई, चंडीगढ़, ग्वालियर में प्रबंधन क्षेत्र में नौकरी की जहां उन्हें बेस्ट मेनेंजमेंट तथा शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट रिर्सचर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।