राहत की बात यह है कि आज मौसम साफ है और राहत कार्य शुरू हो गया है। यातायात सुचारू कर सैलानियों को निकालने का काम जारी है। सरकार के निर्देश के बाद 195 जेसीबी मशीनें सड़क से बर्फ हटाने के काम में लग गई हैं। सैलानी भी धीरे धीरे अब वापस लौटने लगे हैं।
उत्तराखंड में भारी बर्फबारी, बर्फ से लकदक नजारे देखने को भागे सैलानी
वहीं, बिजली सुचारू करने के लिए भी सुबह आठ बजे से ही काम शुरू हो गया है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें राहत कार्यों में लगाया गया है। सरकार का कहना है कि सोमवार शाम तक अधिकतर इलाकों में बिजली और यातायात सुविधा सुचारू हो जाएगी।
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वहीं, बर्फबारी बागवानों, किसानों और बिजली उत्पादकों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। बागवानों को सेब की खेती के लिए जरूरी चिलिंग ऑवर्स पूरे होने की आस है। सेब के पेड़ों को 700 से 800 चिलिंग ऑवर्स की जरूरत होती है, जो इस बर्फबारी से पूरी होने की उम्मीद है। निचले क्षेत्रों में बारिश से किसान भी अच्छी फसल होने की उम्मीद जता रहे हैं।
प्रदेश में बिजली पैदा कर रहे निजी व सरकारी हाइड्रो पावर प्रोजेक्टों को भी खासा फायदा होगा। हिम ऊर्जा के सीईओ इं. केएल ठाकुर ने बताया कि अब जैसे जैसे बर्फ पिघलेगी, नदियों का जलस्तर बढ़ेगा जिसकी वजह से बिजली प्रोजेक्टों को फायदा होगा।