12 साल पहले पिंडारी ग्लेशियर में लगाए गए ट्रैप कैमरे में पहली बार तिब्बती भेड़िया रिपोर्ट हुआ था। बाद में एक हिम तेंदुए की फोटो भी आई थी। अब हिम तेंदुओं के अध्ययन के लिए एक साल का समय तय किया गया है।
बागेश्वर वन प्रभाग में हिम तेंदुओं की दुनिया का रहस्य जानने के लिए वन विभाग अध्ययन की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विभाग को ग्रीन इंडिया मिशन के तहत बजट स्वीकृत हुआ है। अध्ययन के बाद हिम तेंदुओं के संरक्षण के कदम बेहतर ढंग से उठाए जा सकेंगे।
बागेश्वर वन प्रभाग के पिंडारी, काफनी, सुंदरढूंगा आदि क्षेत्र उच्च हिमालयी वन्यजीवों की दृष्टि से बेहतर माने जाते हैं। करीब 12 साल पहले इलाके में वन विभाग के सहयोग से वैज्ञानिक विपुल मौर्य ने अध्ययन किया था। उस समय पिंडारी ग्लेशियर में लगाए गए ट्रैप कैमरे में पहली बार तिब्बती भेड़िया रिपोर्ट हुआ था। बाद में एक हिम तेंदुए की फोटो भी आई थी। अब हिम तेंदुओं के अध्ययन के लिए एक साल का समय तय किया गया है।
बीते साल हिम तेंदुओं की संख्या पर आई थी रिपोर्ट : बीते साल हिम तेंदुओं के आकलन की रिपोर्ट जारी की गई थी। यह अध्ययन भारतीय वन्यजीव संस्थान ने किया था। बताया गया था कि लद्दाख में 477, उत्तराखंड में 124, हिमाचल प्रदेश 51, सिक्किम 21, अरुणाचल प्रदेश 36 और जम्मू-कश्मीर में नौ हिम तेंदुए हैं।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features