लखनऊ में बिक रही सब्जियों और फलों के रंग और चटख करने के लिए कहीं केमिकल का प्रयोग तो नहीं हो रहा। इस शक के आधार पर 20 स्थानों पर छापेमारी हुई। एक दिन पहले छापेमारी की कार्रवाई एफएसडीए ने शुरू की थी जो बुधवार को भी जारी रही। इस दौरान एफएसडीए ने सर्विलांस नमूने लेकर जांच को भेजे हैं।
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शक है कि फलों-सब्जियों को पकाने से लेकर इनके रंग और चटख दिखाने के लिए खतरनाक केमिकल का प्रयोग हो रहा है। एफएसडीए यानी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अलग-अलग टीमों ने कैसरबाग, ठाकुरगंज, नरही, भूतनाथ, आलमबाग, आईआईएम रोड, दुबग्गा, गोमती नगर, इन्दिरानगर, डालीगंज, वजीरगंज समेत अन्य कई प्रमुख सब्जीमंडियों से नमूने लिए। इस दौरान आम, सेब, पपीता, केला और सब्जियों में करेला, परवल, शिमला मिर्च, ¨भडी, टमाटर, बैंगन आदि के नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे गए हैं। एफएसडीए की जिला प्रभारी शशि पाण्डेय और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में छापेमारी हुई।
एफएसडीए के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि शक के आधार पर नमूने लिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट में केमिकल की मिलावट पाई भी गई तो कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि ये सर्विलांस नमूने हैं। ऐसी सूचना मिल रही थी कि केमिकल और इंजेक्शन की मदद से फल-सब्जी पकाई जा रही हैं।
एफएसडीए ने प्रयोगशाला से इन नमूनों की रिपोर्ट जल्द भेजने को कहा है। यदि केमिकल की पुष्टि हुई तो उन स्थानों पर दोबारा छापा मारा जाएगा।
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