हेल्दी एजिंग के लिए रोज करें यह एक सिंपल एक्सरसाइज

बढ़ती उम्र के साथ शरीर की ताकत और मोटिलिटी यानी गतिशीलता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों का कमजोर होना और बैलेंस की समस्या आम बात हो जाती है। लेकिन एक आसान एक्सरसाइज इन चुनौतियों से लड़ने में काफी मददगार साबित हो सकती है।

जी हां, एक आसान सी एक्सरसाइज बढ़ती उम्र में भी आपके शरीर को मजबूत बनाए रखने में काफी मदद कर सकती है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं स्क्वॉट्स की। आइए जानें कैसे स्क्वॉट्स उम्र के साथ शरीर को चुस्त और दुरुस्त बनाए रखने में मदद कर सकता है।

रोज स्क्वॉट्स करने के फायदे
पैरों की ताकत बरकरार रखे- उम्र के साथ पैरों की मांसपेशियां सबसे पहले कमजोर होती हैं। स्क्वॉट्स करने से जांघों, कूल्हों और पिंडलियों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। मजबूत पैर आपको लंबी दूरी तक चलने, सीढ़ियां चढ़ने और रोज के कामों को आसानी से करने की शक्ति देते हैं।
हड्डियों की डेंसिटी बढ़ाए- स्क्वॉट्स एक वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज है। यह हड्डियों पर दबाव बनाकर उनकी डेंसिटी को बनाए रखने में मदद करती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी का खतरा कम होता है।
बैलेंस और स्टेबिलिटी में सुधार- बुढ़ापे में गिरने का डर सबसे बड़ा होता है। स्क्वॉट्स करने से कोर मसल्स मजबूत होती हैं और शरीर का संतुलन बेहतर होता है। इससे गिरने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।
जोड़ों के दर्द से राहत- नियमित और सही तकनीक से स्क्वॉट्स करने पर घुटनों और कूल्हों के जोड़ मजबूत होते हैं। यह जोड़ों में लचीलापन लाती है और अकड़न व दर्द से राहत दिलाने में मददगार है।
रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाए- मजबूत पैर और कोर आपकी रोजमर्रा के काम, जैसे- बैठने-उठने, झुकने, सामान उठाने आदि को आसान बना देते हैं।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखे- स्क्वॉट्स की पोजीशन प्राकृतिक रूप से पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालती है, जिससे आंतों की गतिविधि बेहतर होती है और कब्ज जैसी समस्या से राहत मिलती है।

कैसे शुरू करें और सावधानियां
अगर आप पहले से कोई बीमारी या जोड़ों की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, तो स्क्वॉट्स शुरू करने से पहले डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह जरूर लें।
शुरुआत कैसे करें- सबसे पहले बिना किसी वजन के बॉडीवेट स्क्वॉट्स से शुरुआत करें।
सही तकनीक- पीठ सीधी रखते हुए, पैरों को कंधों की चौड़ाई जितना फैलाकर खड़े हों। हाथों को सामने की ओर फैलाएं। अब धीरे-धीरे इस तरह बैठें जैसे आप कुर्सी पर बैठ रहे हों। ध्यान रखें कि घुटने पैर की उंगलियों से आगे न निकलें। जितना आराम से बैठ सकें, बैठें और फिर वापस शुरुआती पोजीशन में आ जाएं।
चेयर स्क्वॉट्स- बैलेंस बनाने में दिक्कत हो तो एक चेयर के सामने खड़े होकर स्क्वॉट्स की प्रैक्टिस करें। इससे गिरने का डर नहीं रहेगा।
धीरे-धीरे सेट बढ़ाएं- शुरुआत में सिर्फ 5-8 बार स्क्वॉट्स करें और फिर धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाएं।

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