पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय ने ‘मेमोगेट’ स्कैंडल के लिए अमेरिका में सेवा दे चुके पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. 2011 का मेमोगेट विवाद एक ज्ञापन के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसे कथित तौर पर हक्कानी ने लिखा था. हक्कानी ने ज्ञापन में ओसामा बिन लादेन पर छापे के बाद पाकिस्तान में एक सैन्य तख्तापलट को टालने के मद्देनजर ओबामा प्रशासन से मदद मांगी थी.
स्थानीय अख़बार के मुताबिक, हक्कानी ने 2008 से 2011 तक राजूदत के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं. हक्कानी को इस मामले में उनकी कथित भूमिका के कारण पद से बर्खास्त कर दिया गया था. संघीय जांच एजेंसी ने हक्कानी को पकड़ने के लिए इंटरपोल से रेड वॉरंट जारी करने के लिए कहा है. हक्कानी मेमोगेट मामले में अदालत द्वारा पेश होने के आदेश के बाद भी पेश नहीं हुए.तीन जनवरी 2013 को हक्कानी ने चार दिनों में वापसी का हलफनामा दिया जिसपर अदालत ने उन्हें विदेश जाने की मंजूरी दे दी और वह पाकिस्तान से चले गए और फिर कभी नहीं लौटे.
इस कदम पर हक्कानी ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुखद है कि पाकिस्तान की शीर्ष अदालत स्थानीय टीवी समाचार कवरेज के लिए ऐसी हरकतें कर रही है.उन्होंने कहा, “अतीत से ऐसे राजनीतिक वारंटों को विदेशों में नहीं माना जाता, जो अब भी काम नहीं करेगा.”
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