100 करोड़ की लागत से बना इंडिया का नया एयरपोर्ट टर्मिनल....

100 करोड़ की लागत से बना इंडिया का नया एयरपोर्ट टर्मिनल….

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बार फिर टर्मिनल-2 यात्रियों के लिए तैयार है। आधुनिक सुविधाओं से लैस टी-2 पर शनिवार की रात पहली फ्लाइट रांची से दिल्ली पहुंचेगी, जबकि रविवार तडक़े लखनऊ के लिए पहली फ्लाइट यहां से उड़ान भरेगी। वर्ष 2010 तक यह टर्मिनल अंतर्राष्ट्रीय था और यहां से स्पेशल फ्लाइट्स ही उड़ान भरती थीं, लेकिन अब इसे घरेलु उपयोग में लाया गया है।100 करोड़ की लागत से बना इंडिया का नया एयरपोर्ट टर्मिनल.... अयोध्या में राम मंदिर विवाद सुलझाने के लिए श्रीश्री रविशंकर करेंगे मध्यस्थता…

करीब छह महीने के भीतर टर्मिनल के पुन: निर्माण का कार्य पूरा किया गया है। अधिकारियों की मानें तो इस साल जनवरी में ही टर्मिनल बनकर तैयार था, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से इसे अब 10 महीने बाद यात्रियों के लिए खोला गया है। बता दें कि दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने टर्मिनल 2 की मरम्मत का काम छह महीने के भीतर में कर दिया था। करीब 100 करोड़ की लागत से पिछले वर्ष अगस्त में ही इसकी मरम्मत का कार्य शुरू किया गया था। यह टर्मिनल हज यात्रियों के लिए भी था। लेकिन अब हज के लिए इसी टर्मिनल पर अलग से व्यवस्था कर दी गई है। 

शनिवार रात्रि 10 बजकर 05 मिनट पर रांची एयरपोर्ट से आने वाली गो एयर की फ्लाइट पहली बार इस घरेलु टर्मिनल 2 पर लैंड करेगी। जबकि रविवार सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर गो एयर की पहली फ्लाइट लखनऊ के लिए उड़ान भरेगी। इसलिए यात्रियों के लिहाज से टर्मिनल शनिवार रात से ही शुरू हो जाएगा। शनिवार रात से रविवार तडक़े के बीच अलग-अलग जगहों से आने वाली गो एयर की 9 फ्लाइट्स यहां लैंड करेगीं। शुक्रवार दोपहर तक टर्मिनल की सुरक्षा संबंधी तमाम खानापूर्ति भी पूरी कर ली गई हैं। 

टर्मिनल 3 जैसा स्वचालित पथ      
टर्मिनल 3 की भांति 2 पर भी यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए स्वचालित पथ की व्यवस्था की गई है। करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार हुए टर्मिनल 2 में वर्षों पुरानी चित्रकारी भी यात्रियों को देखने को मिलेगी। बताया जा रहा है कि जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं, उस वक्त इन चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। जिसमें वाराणसी के अस्सी घाट से लेकर कैलाश मानसरोवर तक देखने को मिलेगा। 

गलती से पहुंचे टी 3 तो मिलेगी कैब      
अगर कोई यात्री टी-2 की जगह गलती से टी-1 या टी-3 पहुंच जाता है तो उसके लिए कैब की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा अगर कोई यात्री टी-2 पर लैंड करता है और उसे टी-3 पर दूसरी फ्लाइट लेने के लिए जाना है तो भी उसे हर 15 मिनट के दरमियान कैब या बस सुविधा उपलब्ध होगी।
 

ऐसा है नया टर्मिनल 2      
कुल क्षेत्र  72 हजार वर्ग मीटर       
चेकइन काउंटर 80      
फिक्स्ड लिंक ब्रिज 6      
कन्वेयर बेल्ट  5       
बोर्डिंग गेट्स 16       
बसिंग गेट्स 6       
रनवे 2       
एयरक्राफ्ट स्टैंड 26      
रनवे तक 8 बसों की सुविधा      
सिक्योरिटी चेकिंग गेट्स 9       
350 गाडिय़ों की पार्किंग      
हर साल मरम्मत पर 70 करोड़ का खर्चा
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