लखनऊ : कृष्णानगर पुलिस ने एक बड़े वाहन चोर गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से चोरी की 39 बाइक, चार स्कूटी व चोरी की गाडिय़ों के पेपर बनाने के लिए प्रयोग कम्प्यूटर और प्रिंटर बरामद किया है। आरोपी चोरी की गाडिय़ों को नेपाल तक बेचते थे।
एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि बीती रात कृष्णानगर पुलिस ने चेकिंग के दौरान बाराबिरवा चौराहे के पास चेकिंग के दौरान दो बाइक सवार चार युवकों को रोकने के लिए इशारा किया। पुलिस को देख बाइक सवार युवक भागने लगे। इस पर पुलिस ने किसी तरह घेराबंदी करते हुए चोरों को धर लिया।
पुलिस ने जब उन लोगों से बाइक के पेपर मांगे तो वह एक भी पेपर नहीं दिखा सक। शक होने पर चोरों से कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उन लोगों ने बताया कि उक्त बाइक चोरी की है। पूछताछ में पकड़े गये आरोपियों ने अपना नाम पारा निवासी अजय शुक्ला, हरदोई निवासी अनुज कुमार, संजय और तालकटोरा निवासी राजेश कुमार चौरसिया बताया।
आरोपियों ने बताया कि चोरी के 41 वाहन उन लोगों ने सरोजनीनगर के नादरगंज इलाके में एक सुनसान जगह पर छुपाकर रखे हैं। इसके बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर नादरगंज इलाके से चोरी की चार स्कूटी और 35 बाइक बरामद की। बरामद की गये 8 वाहन कृष्णानगर, आलमबाग, तालकटोरा, वजीरगंज व सरोजनीनगर इलाके से चोरी किये गये थे। वहीं अन्य गाडिय़ों के इंजन व चेचिस नम्बर की मदद से पुलिस उनके मालिक के बारे में पता लगा रही है।
फर्जी पेपर तैयार कर सस्ते दाम में बेच थे
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पकड़ा गया वाहन चोरों का यह गैंग चोरी की गाडिय़ों के फर्जी पेपर तैयार कर उनको सस्ते दाम में खीरी, हरदोई व नेपाल में बेच देता था। चोरी की गाडिय़ों का फर्जी पेपर बनाने का काम आरोपी राजेश कुमार चौरसिया करता था।
तीन साल ने बेच 100 से अधिक चोरी के वाहन
एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि वाहन चोरों के इस गैंग का लीडर अजय शुक्ला है। वहीं आरोपी अनुज व संजय मैकेनिक है, जबकि राजेश चोरी की गाडिय़ां के फर्जी पेपर बनाता था। आरोपी अजय ने पूछताछ में इस बात को कबूला है कि अब तक वह 100 से अधिक चोरी की गाडिय़ां को तीन साल में अलग-अलग जगहों पर बेच चुका है। आरोपी ने यह भी बताया कि चोरी की गाड़ी 10 से 15 हजार रुपये में बीक जाया करती थी।
असपताल व शापिंग सबसे साफ्ट टारगेट होता था
पकड़े गये वाहन चोर यूं तो कहीं से भी बड़ी आराम से गाडिय़ां चोरी कर ले थे, पर इनके लिए अस्पताल व शापिंग मॉल सबसे साफ्ट टारगेट होता था। दोनों की जगहों पर गाडिय़ों की संख्या काफी अधिक होती है और ऐसे में इनके लिए अपनी मनपसंद की गाड़ी को चोरी करने का मौका मिल जाता है। वहीं दूसरी तरह अस्पताल व शापिंग मॉल में आना वाला व्यक्ति गाड़ी खड़ी करने के बाद काफी देर तक वापस नहीं लौटता है। इस समय में आरोपी वाहन को टारगेट कर मास्टर चाभी से उसको खोल लेते थे।
इस साल की सबसे बड़ी बरामदगी
वैसे हो राजधानी पुलिस अक्सर ही वाहन चोरों को गिरफ्तार कर इक्का-दुक्का वाहन बरामद करती रहती है, पर कृष्णानगर पुलिस का यह गुडवर्क अब तक का सबसे बड़ा काम माना जा रहा है। अब इतनी बड़ी चोरी के वाहनों की बरामदगी किसी भी थाने की पुलिस ने नहीं की है।
पुलिस टीम ने यह लोग रहे शामिल
इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पाण्डेय, एसएसआई अमर नाथ ,दारोगा अजय कुमार त्रिपाठी, सिपाही अनीस कुमार, सुनील राय, परमवीर, देवकीनंदन, प्रमोद कुमार पाण्डेय, अभिराम शुक्जला, रणजीत सिंह और शैलेन्द्र राय वाहन चोरों को पकडऩे वाली टीम में शामिल रहे।