लखनऊ: यूपी सरकार हृदद रोग के मरीजों को बेहतर स्वास्थय देने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही है। सभी जिला अस्पतालों में दिल के मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए कॉर्डियक केयर यूनिट खोलने की योजना बना रहा है। कई अमेरिकी कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।
बिडिंग के आधार चुनी गई किसी एक कंपनी से इसके लिए एमओयू किया जाएगा। यह कंपनी ही कॉर्डियक केयर यूनिट लगाएगी और उसका संचालन करेगी। कंपनी को सीजीएचएस व सरकारी संस्थानों के शुल्क के आधार पर भुगतान किया जाएगा। सरकार हृदय रोग से परेशान लोगों को अपने ही जनपदों में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पीपीपी मोड पर कॉर्डियक केयर यूनिट ;सीसीयूद्ध और इंटेंसिव केयर यूनिट बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
हार्ट अटैक या दिल की किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इससे फायदा होगा। कार्डियक यूनिट के लिए स्वास्थ्य विभाग अस्पताल में ही जगह देगा। जबकि वहां उपकरण व अन्य सुविधाएं पीपीपी मोड पर कंपनी उपलब्ध कराएगी। यह सुविधा टर्न की आधार पर होगी। इसमें उपकरणों के साथ ही मैनपावर भी संचालक कंपनी उपलब्ध कराएगी। एक यूनिट लगाने में लगभग 10 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है।
कंपनी सीजीएचएस व सरकारी शुल्क के आधार पर इलाज करेगी। गौरतलब हैए प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग में मात्र 210 ही एमडी मेडिसिन डॉक्टर हैं। इनमें से कुछ से हृदय रोग विशेषज्ञ का कार्य लिया जा रहा है। इनमें भी कई सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डिप्लोमा इन कॉर्डियोलॉजी विशेषज्ञता वाले सरकारी चिकित्सक भी गिने.चुने ही बचे हैं।
इसी कमी को देखते हुए जिला अस्पतालों में सीसीयू व आईसीयू की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में सीसीयू राजधानी के डॉण् श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बलरामपुर अस्पताल में ही है। स्वास्थ्य विभाग ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी ;सीएसआरद्ध के तहत मल्टी नेशनल कंपनियों से चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने का एमओयू किया है।
हेल्थ केयर उत्पाद और होम एप्लायंस बनाने वाली एक बड़ी कंपनी ने 20 चयनित जिला चिकित्सालयों में एक.एक अल्ट्रासाउंडए डिजिटल एक्स.रेए चार एलईडी टीवी व एयर कंडीशनर निरूशुल्क लगाए हैं।
इन उपकरणों के वार्षिक अनुरक्षण एएमसी में भी कंपनी सहयोग कर रही है। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि 156 जिला अस्पतालों में पीपीपी मोड पर कॉर्डियक केयर यूनिट और इंटेंसिव केयर यूनिट लगाने की कार्रवाई चल रही है। इसमें यूएसए की मेट्रोनिक्स, जीई हेल्थ, एसएचआईआर जैसी कंपनियों ने रुचि दिखाई है। बिडिंग के आधार पर उनका चयन किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मुफ्त दिलाना हमारा उद्देश्य है। एमओयू में इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।