बिहार: बिहार की राजनीति में आरोप और प्रत्यरोप का दौर अपने चरम पर है। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके खाने में जहर मिलाने की कोशिश की गई।
नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने फोन टैपिंग और जासूसी का आरोप भी लगाया है। तेजस्वी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपने आधिकारिक अकाउंट से गुरुवार को ट्वीट कर यह गंभीर आरोप लगाया। तेजस्वी ने इन आरोपों का आधार विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी बताया है।
बता दें कि इससे पहले तेजस्वी के भाई और आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने कहा था कि उन्होंने पिछले सप्ताह अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें भगाने के लिए यहां भूत छोड़ दिया था। आरजेडी के दोनों नेताओं की बयानबाजी और सरकार पर गंभीर आरोप के बाद बिहार की राजनीति एक अलग स्तर पर पहुंच गई है।
तेजस्वी ने गुरुवार शाम ट्विटर पर लिखा कि फोन टैपिंग के बाद अब सर्किट हाउस में मेरे ठहरने से लेकरए खाने.पीने की चीज़ों में नशीले और विषैले पदार्थ मिलाने की कोशिश के साथ.साथ सभास्थल तक पीछा कर जासूसी करवाई जा रही है। छवि बिगाडऩे और जानमाल का नुकसान पहुंचाने का कुचक्र रचा जा रहा है।
इसके बाद उन्होंने लिखा कि देश जानता है नीतीश कुमार अलोकतांत्रिक प्रवृति के नकारात्मक और अवसरवादी व्यक्ति है जो विरोधियों को निपटाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते है। मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है एक 28 वर्ष के नौजवान ने उनका क्या बिगाड़ा है।
उल्टा उन्होंने हमारे सहयोग से बहुमत प्राप्त कर जनादेश की डकैती की है। इससे पहले तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार हमारी संविधान बचाओ न्याय यात्रा को मिल रहे अपार जनसमर्थन से घबराकर बौखलाहट में है। तेजस्वी के इस बयान पर सत्तारूढ़ जेडीयू ने भी प्रतिक्रिया दी है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक जेडीयू ने इसे तेजस्वी की घटती लोकप्रियता के चलते और चुनाव हारने का अंदाजा लगने के कारण बहानेबाजी बताया है।
बता दें कि इससे पहले बुधवार को बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने संवाददाताओं से एक बयान में कहा था कि मैंने वह कोठी छोडऩे का फैसला किया क्योंकि नीतीश और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसमें भूत छोड़ दिया था। वे भूत मुझे परेशान कर रहे थे।