लखनऊ: होली कई महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन चैत्रकृष्ण प्रतिपदा में रंग खेला जाता है। इस बार होली 1 मार्च की है। एक मार्च को होलिका दहन किया जाएगा इसके बाद 2 मार्च को रंगों से होली खेली जाएगी। भारत में कई जगह रगं को दुल्हैंडी भी कहा जाता है। इस दिन होलिका दहन से पूजा की जाती है। कई जगह तो कुछ लोग घर में भी छोटा सा होलिका दहन करते हैं।
होलिका दहन का शुभ समय
एक मार्च दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन मुहूर्त. 18:16 से 20:47 तक
भद्रा पूंछ. 15:54 से 16:58 तक
भद्रा मुख. 16:58 से 18:45 तक
2 मार्च को होली सुबह 6:21 बजे से शुरू
होलिका दहन से पूर्व होली का पूजन करने का विधान है। इस दौरान जातक को पूजा करते वक्त पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पूजन करने के लिए माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेंहू की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना चाहिए और उसके बाद होलिका के चारों ओर परिक्रमा करनी चाहिए।