JAMMU : जम्मू-कश्मीर में पिछले चार महीने से तनाव जारी है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने कश्मीर छात्रों को रियायत देने का ऐलान किया है।
ये छूट सरकार ने दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए रखी है। अब कश्मीर घाटी के छात्रों को परीक्षा में सिर्फ 50 प्रतिशत सवालों को हल करना होगा। कश्मीर घाटी में जारी तनाव की वजह से स्कूल पिछले 4 महीनों से बंद है। यही वजह है कि सरकार ने छात्रों को रियायत देने का ऐलान किया है।
प्रश्न पत्र हर बार की तरह ही होंगे लेकिन छात्रों को हर विषय में सिर्फ आधे प्रश्नों का जवाब देने की छूट होगी। 15 नवंबर से जम्मू और कश्मीर बोर्ड की दसवीं की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं जबकि बारहवीं की परीक्षा एक दिन पहले ही शुरू हो रही है।
छात्रों ने मार्च 2017 तक परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन परीक्षा तिथि नहीं बदले गए हैं। जम्मू-कश्मीर बोर्ड के चेयरमैन जहूर अहमद चट्ट ने कहा, ‘यहां के हालात की वजह से छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, हमने इसे ध्यान में रखा है और उसी के मुताबिक छूट दिया है।’
चेयरमैन ने कहा कि परीक्षाओं में पहले ही एक महीने की देरी हो चुकी है और सिर्फ कुछ छात्रों के लिए तारीखों को नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हम परीक्षा में देरी नहीं कर सकते क्योंकि कई छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी है।
हम छात्रों के करियर के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते। ऐसे तमाम इलाके हैं जो बर्फ की वजह से कई महीनों तक अलग-थलग रहेंगे, इसलिए विंटर वकेशन से पहले परीक्षाओं को हर हाल में कराना होगा।’