भारत के ऑलराउंडर युवराज सिंह 11 साल बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में शिरकत करने जा रहे हैं। युवराज सिंह ने वनडे करियर की शुरुआत नैरोबी में साल 2000 की आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी (आईसीसी नॉकआउट) में केन्या के खिलाफ की थी, जिसमें उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था, लेकिन दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने जबर्दस्त पारी (84 रन, 80 गेंद) खेलते हुए अपना लोहा मनवा दिया था। जिसमें दुनिया ने पहली बार उनकी चमक देखी थी।यह भी पढ़े: अभी अभी: BCCI ने सहवाग से कहा- टीम इंडिया के कोच के लिए अप्लाई करो
भारत ने इस मैच में आस्ट्रेलिया को 265 रन का टारगेट दिया था। जिसके जवाब में विरोधी टीम 2245 रन पर ही ढेर हो गई थी। भारत 20 रन से यह मैच जीत गया था।
हालांकि वह 2009 और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले सके थे।
युवराज सिंह ने चैंपियन्स ट्रॉफी में अब तक खेले 13 मैचों की 9 पारियों में 33.87 के औसत से 271 रन बनाए हैं, जिनमें दो फिफ्टी शामिल हैं। ऐसे में इस टूर्नामेंट में वह क्या खास करते हैं यह 5 जून से शुरु हो रहे टूर्नामेंट में पता चल सकेगा।
कैंसर को हराने के बाद उन्होंने लगभग 3 वर्षों के अंतराल के बाद वनडे क्रिकेट में वापसी करने वाले युवराज पर चयनकर्ता समय समय पर भरोसा जताते रहे हैं इस बार भी चयनकर्ताओं ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है। ऐसे में उन पर इस टूर्नामेंट में सबकी उम्मीदों पर खरा उतरने की जिम्मेदारी होगी।