लखनऊ: लखनऊ का चीडिय़ाघर रविवार होने की वजह से भीड़ से हचाखच भरा था। लोग सुहाने मौसम मेें चिडिय़ाघर में मौज-मस्ती कर रहे थे कि इस बीच चिडिय़ाघर में हड़कम्प मच गया। इस के पीछे की वजह थी कि एक ठेकेदार चिडिय़ाघर में बनी पानी टंकी पर चढ़ गया और आत्महत्या करने की बात कहने लगा। करीब आधे घंटे तक ठेकेदार टंकी पर चढ़ा रहा। बाद में पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों के समझा-बुझाने पर वह नीचे उतर आया। ठेकेदार ने एक रेंजर पर 13.85 लाख रुपये का भुगतान न करने का आरोप लगाया है।
गोमतीनगर के विशालखण्ड इलाके वन विभाग में ठेकेदार बृजेन्द्र कुमार सिंह अपने परिवार के साथ रहता है। उसका आरोप है कि नवम्बर वर्ष 2013 से मई वर्ष 2015 के बीच उसने चीडिय़ाघर में पेड़ों की छटाई और बाड़े की सफाई काम कराया। यह काम उसने रेंजर पियूष श्रीवास्तव के कहने पर कराया था। ठेकेदार का कहना है कि रेंजर ने इस काम के लिए उसको मौखिक रूप से कहा था। काम के सिलसिले में कोई कागजी कार्रवाई नहीं की गयी थी। ठेकेदार ने इस काम के लिए करीब 10 लेबर रोज लगाये थे।
रेंजर ने करीब 100 पेड़ कटवा कर पार्किंग भी बनवायी थी। इस बीच रेंजर ने मजदूरों को आंशिक मजदूरी का भुगतान किया था और आश्वासन दिया था कि पेड़ों की नीलम के बाद पूरा भुगतान कर दिया जायेगा। ठेकेदार का कहना है कि उसके करीब 13.85 लाख रुपये का खर्च आया था। इसके बाद ठेकेदार रेंजर से अपने भुगतान के लिए कहता रहा, पर उसका भुगतान नहीं हुआ।
लाखों रुपये के नुकसान से परेशान ठेकेदार बृजेन्द्र कुमार सिंह रविवार की दोपहर करीब 12 बजे चिडिय़ाघर में बनी पानी टंकी पर चढ़ गया और वहीं से कूदकर अपनी जान देने की बात कहने लगा। ठेकेदार के टंकी पर चढ़ते ही वहां हड़कम्प मच गया। देखते ही देखते लोगों की भारी भीड़ जुट गयी।
सूचना मिलते ही मौके पर सीओ हजरतगंज, हजरतगंज पुलिस, चिडिय़ा घर प्रशासन के अधिकारी और फायर स्टेशन से दमकलकर्मी भी पहुंच गये। सभी लोगों ने ठेकेदार को समझाने-बुझाने की कोशिश की। करीब आधें घंटे की बातचीत के बाद ठेकेदार टंकी से नीचे उतरने को राजी हो गया। ठेकेदार जैसे ही टंकी से नीचे उतारा उसको पुलिस ने पकड़ लिया और अपने साथ ले गयी।