इन दिनों टोक्यो ओलंपिक की वजह से कई खिलाड़ी लाइमलाइट में आ रहे हैं। जिन खिलाड़ियों को मीडिया में कभी स्पेस नहीं मिला आज उनके किस्से सोशल मीडिया के जरिए घर-घर तक पहुंच रहे हैं। वहीं भारतीय मूल के विदेशी लड़के की कहानी भी सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी वायरल हो रही है। दरअसल 12 साल के भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने दो दिन पहले ही सबसे युवा ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट का खिताब जीतने का रिकॉर्ड बना दिया है।
महज 12 की उम्र में अभिमन्यु ऐसे बना ग्रैंडमास्टर
उन्होंने सबसे युवा ग्रैंडमास्टर का खिताब जीत कर रिकाॅर्ड कायम कर दिया है। उनका नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। बता दें कि अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाले अभिमन्यु दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। अभिमन्यु ने बुडापेस्ट में आयोजित हुई ग्रैंडमास्टर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उन्होंने इस टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर लियाॅन मेनडोंका को धूल चटा दी। उन्हें हरा के अभिमन्यु सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। मालूम हो कि उनसे पहले ये रिकाॅर्ड रूस के सर्गेई कर्जाकिन के नाम पर था। सर्जेई ने ये कारनामा साल 2002 में कर दिखाया था।
पिता भी रह चुके हैं चेस प्लेयर
अभिमन्यु का रुझान बचपन से ही खेलों की ओर था। उनके पिता साॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनके पिता ने ही शतरंज या चेस से उनका परिचय पहली बार करवाया था। खास बात ये है कि अभिमन्यु के पित ने कारपोरेट लेवल पर व कालेज में चेस खेला था। इसके अलावा अभिमन्यु बचपन में ही कई तरह के पजल्स का हल निकाल लेते थे। इस तरह से उनका दिमाग चेस की पारियों में भी तेजी से दौड़ने लगा और उनका रुझान चेस की ओर हो गया।
यहां पर सीखी शय-मात की महत्वपूर्ण चाल
जब अभिमन्यु आठ साल के हुए तो वे पूर्व वर्ल्ड चैंपियन कास्परोव के यंग प्रोग्राम का हिस्सा बने। वहीं पर उन्होंने चेस की सबसे महत्वपूर्ण चाल सीखी थी। इस चाल का नाम है शय-मात। उन्होंने धीरे-धीरे अपने खेल की ओर ध्यान देना शुरु कर दिया। बता दें कि उन्होंने चेस ग्रैंडमास्टर होने का खिताब महज 12 साल 4 महीने व 25 दिन में ही जीत लिया। इसके साथ ही सबसे युवा ग्रैंडमास्टर होने का रिकाॅर्ड भी उन्होंने अपने नाम कर लिया।
विश्वनाथन आनंद 18 की उम्र में बने थे ग्रैंडमास्टर
चेस के 5 बार विश्व विजेता रह चुके विश्वनाथन आनंद को अभिमन्यु अपना रोल माॅडल मानते हैं। आनंद के खेल पर अभिमन्यु अपनी नजर हमेशा गड़ाए रहते हैं। उन्हें आनंद के हर मुकाबले व दांव-पेंच की पूरी-पूरी जानकारी है। खास बात ये है कि विश्वनाथन आनंद 18 की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने थे पर अभिमन्यु उनसे भी चार हाथ आगे निकला और 12 की उम्र में ये कारनाम कर दिखाया।
ऋषभ वर्मा
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